neelam kulshreshtha 3 years ago

आपने मेरे उपन्यास दह_शत को बार बार 5सितारे दिये।बहुत धन्यवाद।इस में समिधा के किरदार को देखा होगा।यदि स्त्री सही है तो उसे ऐसा ही होना चाहिये।

Abha Yadav 3 years ago

यथार्थ यही है

Dr kavita Tyagi 4 years ago

कटु यथार्थ की अभिव्यक्ति

Chaya Agarwal 4 years ago

बिल्कुल

Alka Sinha 4 years ago

बिलकुल सही कहा। मेरी कविता की एक पंक्ति है है निकटतम ही सदा पीड़ाजनक हर कोई आघात पहुंचाता नहीं।

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