जिंदगी के अंधेरों में रोशनियों की आशाएँ थी, लेकीन हवा के झोंके से बुझ जाती थी,
और फिर अंधेरों में जिंदगी दुब जाती थी,
आज का इनसान ऐसा होगा गया हे की कुछ अच्छे भले लोग में रोशनियों के साथ होता हे,
तो कुच्छ लोग हवा का झोंका बनके उस रोशनी को बुजा देते हे।
#रोशनी