फक़त कुछ पलों की,
कहानी हैं,
मिट्टी की देह,
मिट्टी में मिल जानी हैं.....

सही वक़्त पर,
इंसाफ होगा,
जिस्म यें फ़ना हो,
सुपुर्द -ए -खाक, होंगा.....

न जीता हैं,
कोई मौत से यहाँ,
जीत सको प्यार से,
तो शायद 'नाम' होगा.....

झूठे दर्पण,
झूठी शान,
अंत मांगे, बस,
दो गज़ मकान....

मौत की उस घड़ी में,
जब न कोई पास होंगा,
तुझे तेरे किये ज़ुल्मों का,
अहसास होंगा......

ऐसे ही गुज़र रही है,
उम्र यारों,
मिट्टी की होंने के पहलें,
"मिट्टी" थोड़ी संवार लो........


#मिट्टीकी

Hindi Quotes by Varsha : 111510643
Varsha 4 years ago

ok....thanks alot ma'am

હરિ... 4 years ago

Sorry... bt.. i'm a girl ..😊🤣

Varsha 4 years ago

शुक्रिया सर

Varsha 4 years ago

शुक्रिया सर

shekhar kharadi Idriya 4 years ago

अत्यंत सुंदर प्रस्तुति..

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