ज्योत जलाकर खड़ा हुं में,
चली आना तुं प्रेम पथ पर;

आंखें बिछाकर बैठा हुं में,
तेरी राह कर दुंगा उजागर;

कर देंगे इस मुलाकात को,
यादगार हम दोनों मीलकर;

बस वादा कर तुं इतना की,
नहीं जायेगी कभी छोड़कर;

#ज्योत

Hindi Poem by વિનોદ. મો. સોલંકી .વ્યોમ. : 111515216

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