#होंठों पर अक्सर आकर रुक सा जाता है
जब जब तुम्हारा नाम मेरे होंठों पर आता है
पता नहीं क्या चाहिए था तुमको मुझसे
क्या? इश्क़ में ज़िक्र आजकल पैसों का भी आता है।


#होंठ

Hindi Shayri by Arjuna Bunty : 111541345

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now