हम, मैं ,तू , से
मिलकर ही तो इगो का निर्माण होता है।
इगो बिहारी भाषा का शब्द है।
और बिहारी जी हमारे ब्रम्हांड के प्रिय हैं।
जो प्रिय है उसमे विशेष बात यही है। की इगो होता तो वो प्रिय नही होता न जी।
इसलिए ईगो होता ही नही है।


-Anand Tripathi

Hindi Shayri by Anand Tripathi : 111812735

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