किस्मत को बदलने में
किसीसे दील लगाने में
किसीसे धोखा खाने में
कहा देर लगती है।
मौसम को बदलने में
बरसाको बरसने में
हवाको रूख बदलने में
कहा देर लगती है।
किसी से रूठ जाने में
सो बाते बनाने में
किसीको अपना ने में
कहा देर लगती है।
सच्चेको झूठा साबीत करने में
अपनी बातोको मनवाने में
किसी को धोखा देने में
कहा देर लगती है।

-Daxa Bhati

Hindi Poem by Daxa Bhati : 111814143

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