बावलापन नही गया अभी तक जो,
हर बात खुद पर ले लेती हूँ जैसे
जख्मों पर किसी ने हाथ रखा
और जख्म मुस्कुरा उठे दर्द भूलकर
अपनेपन के स्पर्श में |

Hindi Shayri by Ruchi Dixit : 111814530

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