रामायण भाग - 30
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संजीवनी (दोहा - छंद)
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सब सेना व्याकुल हुई, सारे करते शोक।
अश्रु धारा बहती चली, कौन सका है रोक।।

हनुमत लाए वैद्य को, उठा के गृह समेत।
वैद्य कहे संजीवनी, लाए इनकी चेत।।

राम कहे हनुमान ही, करे राम के काज।
ले आओ संजीवनी, तुम हो हनु जांबाज।।

राम चरण छू कर चले, लेकर प्रभु का नाम।
पवन पुत्र करने चले, अपने प्रभु का काम।।


Uma Vaishnav
मौलिक और स्वरचित

Hindi Religious by Uma Vaishnav : 111823525
shekhar kharadi Idriya 2 years ago

अति सुन्दर दोहा छंद रचना

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