दूर था वो.. साथ नही,
लेकिन 'था' तो.. चाहे दूर सही
रहता था उसके आने का बेसब्री से इंतज़ार
जब आता घर,रौनक सी आ जाती, जैसे हो कोई त्यौहार
बस यही लगता था अब आया है तो नाम ना ले जाने का
पता नही फिर कब मौका मिलेगा उसे घर आने का?
नही था मालूम सच होगा वो सोचा हुआ इस तरह कभी,
आया वो घर पर कभी ना वापस जाने के लिए,
लेकिन चला गया सब छोड़कर कभी ना वापस आने के लिए
🇮🇳❤️

-Jyoti Prajapati

Hindi Shayri by Jyoti Prajapati : 111824595
B________Gehlot 2 years ago

Nice line ✍️ jyo.....

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