उन्हींकी आँखोंमें बहनें
लगा पानी मेरे निकलते वक़्त!
सोचा शायद लग गया होगा क़ोई छोटा पत्थर का टुकड़ा ll
- वात्सल्य

Hindi Shayri by वात्सल्य : 111825281

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