थक सी जाती हूं मैं सोच नही पाती हूं
समय तो देखो मेरा खुले हे हाथ, पर अपना मन खोल कर कुछ कर नही पाती हूं

समय देखू या हालात ,में सुधार नहीं जब पाती हूं हे महादेव तब में बस आप ही के शरण में आ जाना चाहती हूं

नाम लू में आपका या बनू में कर्मयोगी
बस यही कश्मकश महादेव में समाज नही पाती हूं

शरण में आजाऊ और छोड़ दू सब आप पे
या करती रहूं काम और तेज़ी से बढ़ती रहूं आगे

पता हे नही बुरा दोनो ही सही हे
पर ये ऐक तरफी जिंदगी में आज कल समज नही पाती हूं

संभालु खुदको या आप के सहारे में आ जाऊ, संभलने पर लगता हे
क्या में आपके संकेतो को समझ नही पा रही हूं


अजीब सा लगता हे जब देखती हूं खुदको आइनो में
पहले में - में थी या अब कोई ओर बनती जारही हूं

समय फिरसे ले रहा है मेरी परीक्षा
सुधारलू में खुदको या
दरिया के प्रवाह में खुदको बहने देना चाहती हूं..
बस महादेव में यही समझ नही पाती हूं ।

Hindi Good Morning by ARCHANA DABHI__સ્વયમ્Aવ : 111826986

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