काला रंग भी एक अजब पहेली है ....
नार के बालों में सजे तो कचनार जवानी है ,
कजरारी नैनों की ये दुनिया होती दीवानी है ।
शिक्षा की सीढ़ी पर पहला कदम रखना सिखाया ,
कलेजे की कोर को सदा बुरी नज़र से इसने बचाया ।
तिल बनकर यही रंग क़ातिलाना लगता है ,
फिर देह पर ही ये रंग क्यों नहीं भाता है ?
उषा .......✍️