अपशब्दों को अनदेखा कर,
हर बार एक नया मौका दिया।
पर दिल से थे वो बड़े होशियार,
हर मौके पर एक मौका लिया।।

मिश्री

-किरन झा मिश्री

Hindi Shayri by किरन झा मिश्री : 111857186

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