हजारों में मोहब्बत के वो तारे तीन लगते हैं
हवाएं साथ ना हो जब नजारे हीन लगते हैं
ये कैसी आग है जो सब जला कर राख करती है
जो तुम ना हो संग मेरे तो सब गमगीन लगते हैं

ज्योति प्रकाश राय
भदोही

Hindi Good Night by Jyoti Prakash Rai : 111861498

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