"कुछ प्रेम नहीं होते मिलने के लिए ,
न ही साथ रहने या चलने के लिए!
एक दुसरे के पुरक होते हुए भी ,
होते हैं _अधुरे रहने के लिए !!
वनवास सा जीवन जीते हुए
होते हैं __
अनकहे अनसुने से रहने के लिए..!!!
कुछ प्रेम होते हैं सिर्फ...
पीड़ा बनकर तड़पाने के लिए...!!!!
- Soni shakya