खोने को दिल करता है,
मन कही भटक गया।
सोचते सोचते थक गया,
गुमशुदा मन मेरा।
दूसरों की चिंता नहीं,
अपनी कोई बात नहीं।
सारे जहां की बातें सुनकर,
हो गया गुमशुदा मन मेरा।
तन्हाई में डूबा हुआ,
खुद से ही रूठा हुआ।
ढूंढता है राह कोई,
गुमशुदा मन मेरा।
सपने अधूरे सारे,
दिल के बोझ से हारे।
फिर से जीना चाहता है,
यह गुमशुदा मन मेरा।
- kaushik Dave
- Kaushik Dave