“जब पहाड़ रो पड़े” — एक नई उड़ान, एक नई पहचान! 🌄📖
११ जुलाई को प्रकाशित मेरी किताब जब पहाड़ रो पड़े अब मेरे लिए एक मील का पत्थर बन गई है।
उत्तराखंड के पलायन जैसे गहरे विषय पर लिखी गई यह किताब मेरी छठी रचना है और Notion Press पर प्रकाशित 6 किताब है।
सिर्फ 3 दिन में ही यह Amazon की Anthropology श्रेणी में बेस्टसेलर लिस्ट में शामिल होकर 78वीं रैंक पर पहुँची है — यह मेरे लिए एक अनमोल और भावनात्मक उपलब्धि है।
यह किताब सिर्फ शब्दों का संग्रह नहीं, बल्कि उन पहाड़ों की सिसकियों की आवाज़ है, जो अक्सर हमारी चुप्पियों में खो जाती हैं।
आप सभी का दिल से धन्यवाद जिन्होंने इस यात्रा को संभव बनाया।
आइए, इन कहानियों को पढ़ें, महसूस करें और उन जड़ों से फिर जुड़ें जो हमें आज भी पुकार रही हैं। 🌿
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