माँ चाहिए, पत्नी चाहिए, बहन भी सबसे प्यारी चाहिए, फिर बेटी क्यों नहीं चाहिए? उसका भी तो हक है जीने का, सपनों की दुनिया में खिलने का।
घर में लक्ष्मी आई है, और तुम कहते हो किस्मत फूट गई? वाकई में किस्मत तुम्हारी ही फूटी है, जो लक्ष्मी के दर्शन नहीं कर पाए तुम सही से।
याद रखना, एक लड़की कहती है, मैं लगन हूँ, मैं मगन हूँ, मैं भड़कती आग हूँ, तोलना न कम मुझे, मैं दो धारी तलवार हूँ।
मैं हूँ अंबा, मैं जगदंबा, मैं सरस्वती, लक्ष्मी हूँ, आदर कर, सम्मान कर, मैं ही दुर्गा, काली हूँ।