"अब प्यार दिल से नहीं, दिमाग से खेला जा रहा है..."
(भावना जैन द्वारा रचित - एकदम नया रूप)
पहले प्यार आंखों से शुरू होता था, अब प्रोफाइल से होता है। पहले दिल में जगह मिलती थी, अब चैट में।
पहले वादे होते थे अब लोग "last seen" देखकर रिश्तों का हिसाब लगाते हैं।
अब रिश्ता गहराई से नहीं, रील्स से शुरू होता है। पहले नाम दिल में लिखा जाता था, अब यूज़रनेम सर्च बार में टाइप होता है। और जब मन भर जाता है, तो बस एक ब्लॉक का बटन सब कुछ खत्म कर देता है।
अब प्यार वो नहीं रहा, जिसमें दो लोग एक-दूसरे को संभालते थे। अब तो लोग रिश्ते को ट्रायल समझते हैं "अच्छा लगा तो ठीक, वरना Next!"
अब प्यार में सच्चाई नहीं मांगी जाती, बस entertaining होना ज़रूरी है। तुम्हारा गुस्सा, शक या डर अब "Drama" कहलाता है। और जब तुम वफादारी की उम्मीद करते हो, तो सामने वाला बोल देता है "मुझे space चाहिए।
अब मोहब्बत में भरोसा नहीं, कंडीशन लगती है। "तू बदले तो मैं भी बदलूं", "तू दिखा प्यार तो मैं भी करूं", ये दिल की नहीं, सौदेबाज़ी की बातें हैं।
अब मोहब्बत में सब्र नहीं, बस जल्दबाज़ी है। हर रिश्ता बस कुछ दिन की कहानी है। अब दिल से ज़्यादा लोग टाइमपास देखते हैं, और सच्चे जज़्बातों को "boring" कहकर छोड़ देते हैं।