झूठ बिकता है बड़ी सादगी से आज के दौर मे
शहर में मेरे सच्च का खरीदार अब बचा ना था
गुंडे मवाली को लोगो ने सर चढ़ा रखा है आज के दौर मे
चल रहे कानून के हालत पर किसी को ऐतबार अब बचा ना था
जो कम बुरा हो उसे जिताते है चुनाव लोग आज के दौर मे
अंजान के लिए समय निकालने वाला सौदागर अब बचा ना था
बच्चे खेलते है वीडियो गेम अक्सर आज के दौर मे
गलियों मे पिट्ठू कंचे खेलने वाला इतवार अब बचा ना था
बुरा काम करने मे मजा आता है लोगो को आज के दौर मे
दुसरो को अच्छा चाहने का दस्तूर अब बचा ना था