देश प्रेम।
जय जय हे मां भगवती हे मां भारती हे मां शारदे।
तेरे चरणों में कोटि-कोटि प्रणाम करते हैं हे मां शारदे। जय जय हे मां सरस्वती हे मां शारदे।
हे भारती भारत देश की अधिष्ठात्री देवी
तुम ही हो हे मां शारदे। वर दे वर दे हे मां भारती
देश प्रेम पर लिखने का वरदान दो हमें हे मां शारदे।
जग उद्धार दे हे मां शारदे। जग जगमग हो देश भक्ति
देश प्रेम भावना से हे मां शारदे। बने देश प्रेम लिखना
मेरी आराधना हे मां भारती हे मां शारदे।
वर्तमान समय की मांग यही है भर जन जन मन
देश प्रेम भावना हो संचार सद्भावना संदेश बदल दे
देश परिवेश हे मां शारदे। धरती हो शस्य श्यामला
हे तुषार हार धवला स्फटिक माल धारिणी श्वेत
वसना हे मां शारदे। दे घर घर हो बसंती चोला पहने
देश का लाल ऐसा चमन बना जहां देश प्रेम की
गंगा बहे मन हो जन रजत निर्मल उज्जवल जल
धार उद्गार बहे करुणा और मानव प्रेम आधार
जय जय हे मां सरस्वती हे मां शारदे। भर दे जन जन
विश्व बंधुत्व की भावना बाल युवा वृद्ध नर नारी
जपे एक नाम " हे मां भारती स्वतंत्रता पुकारती"
जय जय हे मां शारदे हरे हरे। पुकार यही हो हम सब
एक हैं भरो एकता की भावना रहें मिलजुलकर
भारत वासी जय जय हे मां शारदे हरे हरे।
देश की आधार संसार तुम हो हे मां भारती
हे मां शारदे हरे हरे। अब तेरी कृपा की है जग
दरकार जग जननी विश्व संचालिनी हे मां शारदे
हरे हरे। परिस्थिति को कर सम दूर हो सकल
बाधा विषम जय जय हे मां शारदे हरे हरे।
बना दे उन्मुक्त गगन करे सकल स्वछंद विचरण
हो त्रय ताप हरण पाप क्षरण भव खंडन हर विष
शब्द वाण हो निष्फल जय जय हे मां शारदे हरे हरे।
देश वासी तेरी करुणा और दया के अभिलाषी हैं
बना ले सबको अंतेवासी जय जय हे मां शारदे
हरे हरे। सबका सब विधि कर कल्याण पाएं मनुज
त्राण दे नव यंत्र नव मंत्र ना रहे कोई परतंत्र
जय जय हे मां शारदे हरे हरे।
हर ले मोह माया सकल जग छाया दे तव आशीष
शीतल छाया करे विश्राम जन जन पाएं सुख शांति
अविराम जय जय हे मां शारदे हरे हरे। सुन सुन मां शारदे जग भ्रमित है है भासित घने कोहरे की छाया
नव प्रभा प्रभात उदित अदित अरुणिम भोर लालिमा
पूजन अर्चन वंदन भर जग बहोर फेर मति दशशीश
दे शुभ आशीष बख़्शिश विशेष विश्व हित बना रहे
हृदय देश भक्ति भाव देश प्रेम देश के लिए जीएं
और देश के लिए मरें ऐसी हो जग प्रीत की रीत
जय जय हे मां शारदे हरे हरे।
आजादी के दीवानों का यह देश है हे मां शारदे
हरे हरे। भर देश प्रेम जग मंगल भावना नवयुवकों
में हे मां शारदे हरे हरे। घर घर में हो दुर्गा काली
सावित्री और लक्ष्मी बाई जैसी नारी वीरांगना
हे मां भारती हे मां शारदे रमण भ्रमण करो भारत
देश आंगना निशि वासर भरो देश गीत भाव उद्गार
जय जय हे मां शारदे हरे हरे।
देश की माटी लेखक कहे उसे प्यारी लागे न्यारी
लागे तिलक करे हे मां भारती भाल जय जय हे मां
शारदे हरे हरे। देश प्रगति चढ़े उत्तंग शिखर भर हे
मनुज कंठ वासिनी ओज और शौर्य परिपूर्ण
वीर रस धार जय जय हे मां शारदे हरे हरे।
कण कण में वास होता है तेरा हे मां भारती
हे मां शारदे हरे हरे। बन जाए जीवन गान तेरा वंदन
जय जय हे मां शारदे हरे हरे। वीणा के तारों को झंकृत
कर दे विजय बिगुल फूंक ध्वनि की गूंज से गुंजारित
हो धरती और आसमान जय जय हे मां शारदे हरे हरे।
दूर हो नफरत और राग द्वेष की आंधी सकल
रोग व्याधि जय जय हे मां शारदे हरे हरे।
दास करे तेरी पूजा निष्काम भाव विभोर होकर
बजते रहे तेरे चरणों में सप्त सुर साजित आजन बाजन जय जय हे मां शारदे हरे हरे।
भर विजय रण घोष की वीर सकल हूंकार भरे
जय जय हे मां शारदे हरे हरे। बजते रहे हर दिन
गीत जय घोष सकल संसार मनाएं
स्वतंत्रता दिवस त्यौहार जय जय हे मां शारदे
हरे हरे।
देश भक्ति का डंका बजा दे हे भारती हे मां शारदे
हरे हरे। देश प्रेम आभूषणों से सुसज्जित रहे जन जन
गावे देश गीत जय जय हे मां शारदे हरे हरे।
देश उपवन सदाबहार रहे राग मल्हार धुन
संगीत सुरभित हो तेरी कृपा भारत देश द्वार रहे।
हे भारती तेरा आशीर्वाद मिले पल पल माता
साथ रहे। ना रहे कोई दुःखी सब हों सुखी यही
आस भरोस अभिलाष रहे।
जाने अंजाने कोई भी भूल चूक हो गई है तो
अकिंचन दास तेरी शरण गहे हे मां शारदे हरे हरे।
- Anita Sinha