Hindi Quote in Poem by Renu Chaurasiya

Poem quotes are very popular on BitesApp with millions of authors writing small inspirational quotes in Hindi daily and inspiring the readers, you can start writing today and fulfill your life of becoming the quotes writer or poem writer.

काला कोहरा

मैं एक काला कोहरा हूँ,
न कोई आकार, न कोई रूप,

बस तैरता हुआ अंधेरा,
जो खुद भी अपने को समझ नहीं पाता।

मैं चमकता भी हूँ,
पर मेरी चमक डराती है,

लोग आते हैं मेरे पास
जैसे कोई रहस्य आकर्षित करता है,

फिर ठहरने से पहले ही लौट जाते हैं,
क्योंकि भीतर सिर्फ़ अंधेरा है।

मेरी आँखों से गिरते हैं
गहरे, काले आँसू,

जिन्हें कोई पढ़ नहीं पाता,
जिन्हें कोई समझ नहीं पाता।

कभी-कभी एक रूमाल आता है—
खूबसूरत, कोमल,

मेरे आँसू पोंछने की जिद करता है।
पर मैं उलझ जाता हूँ—

क्या यह सच्चा है,
या बस एक और दिखावा?

इसलिए मैं उसे
या तो दूर धकेल देता हूँ,

या खामोशी में
अपने ही कोहरे में खो जाता हूँ।

मैं एक काला कोहरा हूँ,
जिसकी चमक भी सवाल है,

और जिसका अंधेरा
खुद उसके दिल का जवाब।

चमकता हूँ पर अंधेरा हूँ,
आकर्षित करता हूँ पर खाली हूँ।

जो पास आते हैं, ठहरते नहीं,
और जो आँसू पोंछना चाहते हैं

उन पर भी यक़ीन नहीं।

"मैं चमकता हुआ अंधेरा हूँ,
जिसे कोई थामना नहीं चाहता।"

Hindi Poem by Renu Chaurasiya : 111996480
New bites

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now