वो पहली बारिश
(एक भावुक प्रेम कथा)
पात्र:
आरव — एक शांत, किताबों में डूबा रहने वाला लड़का।
सिया — बेबाक, मुस्कराहट में जादू बिखेरने वाली लड़की।
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कहानी शुरू होती है...
कॉलेज का पहला दिन था। आरव क्लास के सबसे आखिरी बेंच पर बैठा था, और सिया दरवाज़ा खोलते ही मानो पूरी क्लास की रौशनी बन गई।
उसके गीले बालों से टपकती बारिश की बूँदें, और हाथ में भीगा हुआ उपन्यास देखकर आरव ने पहली बार किसी लड़की को "कहानी के पन्नों जैसा खूबसूरत" पाया।
दोनो की दोस्ती हुई... धीरे-धीरे किताबों के आदान-प्रदान से दिलों का लेन-देन शुरू हो गया।
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एक दिन की बात है...
बारिश हो रही थी। कॉलेज कैंपस में सब भाग रहे थे, लेकिन आरव और सिया पेड़ के नीचे खड़े थे।
सिया ने कहा,
"तुम हमेशा चुप क्यों रहते हो?"
आरव मुस्कराया,
"क्योंकि तुम बोलती हो, और मैं सुनना पसंद करता हूँ।"
उस दिन आरव की आँखों में कुछ ऐसा था जो सिया समझ गई — इश्क़ लफ़्ज़ों का मोहताज नहीं होता।
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फिर आया इम्तहान का मौसम... और जुदाई की हवा।
कॉलेज खत्म हुआ, सिया को शहर छोड़ना पड़ा।
विदा के दिन उसने आरव को एक चिट्ठी दी:
> "अगर कभी बारिश में अकेले भीग रहे हो और मेरी हँसी की गूंज सुनाई दे, तो समझ लेना — मैं कहीं पास ही हूँ।"
आरव आज भी हर बारिश में बिना छाते के निकलता है।
कभी भीगते हुए मुस्कराता है,
कभी आसमान की ओर देखकर कहता है —
"तुम अब भी मेरी किताब की सबसे प्यारी कविता हो, सिया..." 🌧️📖❤️
- Raju kumar Chaudhary