जब हम नदी पार कर रहे होते हैं
तो पवित्र हो रहे होते हैं,
जब हम गाय और पशुओं को चारा दे रहे होते हैं
तो पवित्र हो रहे होते हैं।
जब हम तीर्थयात्रा पर जा रहे होते हैं
तो पवित्र हो रहे होते हैं,
जब हम स्नान कर रहे होते हैं
तो पवित्र हो रहे होते हैं।
जब हम दान कर रहे होते हैं
तो पवित्र हो रहे होते हैं,
जब हम परोपकार कर रहे होते हैं
तो पवित्र हो रहे होते हैं।
जब हम प्यार कर रहे होते हैं
तो पवित्र हो रहे होते हैं,
जब हम पूजा कर रहे होते हैं
तो पवित्र हो रहे होते हैं।
जब हम सत्य देख रहे होते हैं
तो पवित्र हो रहे होते हैं,
जब हम फसल उगा रहे होते हैं
तो पवित्र हो रहे होते हैं।
जब हम चल रहे होते हैं
तो पवित्र हो रहे होते हैं,
जब हम मर रहे होते हैं
तो पवित्र हो रहे होते हैं।
*** महेश रौतेला