“साथ-साथ जीवन की राह – भाग 5”
कुछ सालों बाद, विकास और अनामिका की जिंदगी अब स्थिर और खुशहाल लग रही थी। बच्चों की पढ़ाई भी अच्छी चल रही थी, और घर में प्यार और समझदारी का माहौल था। लेकिन एक दिन अचानक अनामिका को एक पुराना पत्र मिला।
यह पत्र उसकी कॉलेज की दोस्त नीहा से आया था। नीहा ने लिखा कि वह अब विदेश में शादी कर रही है और वह विकास और अनामिका को एक खास मौका देना चाहती है। पत्र में लिखा था कि उसने अनामिका की पेंटिंग्स से प्रेरित होकर एक इंटरनेशनल आर्ट गैलरी खोलने का विचार किया है और वह अनामिका को अपना विशेष अतिथि बनाना चाहती है।
अनामिका ने विकास को पत्र दिखाया। विकास ने मुस्कुराते हुए कहा,
“देखो, तुम्हारी कला और मेहनत ने तुम्हें इतना बड़ा मौका दिलाया है। मैं तुम्हारे साथ चलूँगा।”
गैलरी का उद्घाटन दिन आया। अनामिका ने अपने पेंटिंग्स प्रदर्शित किए और हर कोई उनकी तारीफ कर रहा था। विकास ने उसके हाथ में हाथ डालकर कहा,
“तुम हमेशा चमकती रहो। मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ।”
इसी बीच, बच्चों ने चुपचाप एक सरप्राइज प्लान किया। उन्होंने पिताजी और माँ के लिए एक वीडियो तैयार किया जिसमें उनके छोटे-छोटे प्यारे पल, उनके संघर्ष और खुशियाँ दिख रही थीं। जब विकास और अनामिका ने वह वीडियो देखा, दोनों की आँखों में आँसू आ गए।
रात में, गैलरी की छत पर दोनों अकेले बैठे और आसमान की तरफ देखकर अनामिका ने कहा,
“विकास, हमारी जिंदगी में हर तूफान आया, लेकिन हमने कभी हार नहीं मानी। हमारे प्यार ने हर चुनौती को पार किया।”
विकास ने धीरे से कहा,
“अनामिका, तुम्हारे बिना मैं कुछ भी नहीं हूँ। तुम मेरी ताकत, मेरी प्रेरणा और मेरी जिंदगी हो।”
फिर, बच्चों और दोस्तों के सामने, विकास ने अनामिका को अपने हाथों में हाथ देकर कहा,
“क्या तुम मेरे साथ जीवन भर के लिए फिर से यह वादा दोहराओगी—हर मुश्किल, हर खुशी, हर पल साथ रहने का?”
अनामिका ने मुस्कुराते हुए कहा,
“हाँ, विकास। हमेशा। हम साथ हैं, और हमेशा रहेंगे।”
और इस तरह, विकास और अनामिका की कहानी ने साबित किया कि प्यार, विश्वास और साथ की ताकत से हर मुश्किल आसान हो जाती है, और जिंदगी की असली खूबसूरती छोटे-छोटे पलों और साथ बिताए समय में ही है।