(दोहाश्रित सजल)
समांत-आन
अपदांत
मात्रा भार 24
यति 13/11
आतंकी को पालता, सनकी पाकिस्तान......
आतंकी को पालता, सनकी पाकिस्तान।
रावण का वंशज बना, गुमी दीन-पहचान।।
दुश्मन शांति का बना, जग में है बदनाम।
निर्दोषों को मारता, पैशाचिक मुस्कान।।
कट्टरता की कोख से, जिन्ना का अवतार।
मानवता पर चोट कर, नित करता अभिमान।।
गधे भरे हैं पाक में, बस मुल्ला की सोच।
लिए कटोरा माँगता, यही शेष अभियान।।
सहने का साहस गया, भारत में भूचाल।
पहलगाम के घाव से, आहत है इंसान।।
नदियों का जल रोक कर,दिया बड़ा संदेश।
मोदी का यह फैसला, आफत में है जान।।
भारत का अब प्रण यही, छोड़ पड़ोसी धर्म।
लातों के इस भूत का, होगा पूर्ण निदान।।
मनोजकुमार शुक्ल "मनोज"
6/5/25