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Kaushik Dave

Kaushik Dave Matrubharti Verified

@kaushikdave4631
(2.2k)

बादलों में घर है
उसमें मेरे पापा है

बादलों को देखकर
आंखों में आसूं है

बादलों के घर में से
देखते है मेरे पापा

फिर बादलों की गर्जना
बारिश की बूंदें है


बूंदें मेरे हाथों में
साथ में पापा की यादें हैं

बादलों के घर में
उसमें मेरे पापा है

कहता है बादल
मेघधनुष की आंखें हैं

सारे कायनात में
सब से अच्छे मेरे पापा थे

आज भी दिलों में
उसकी हमें यादें हैं

बादलों के घर में
उसमें मेरे पापा है
- कौशिक दवे
Happy Father's Day

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खुशियों की बौछार आई, न पूछो इसका कारण,
जब देखो मन में खिलते, रंग-बिरंगे नज़र आईं,
कहाँ से आई ये लहरें, सपनों का राज़ खोले,
सच बताऊं, तो बातें सुनकर, आप भी मुस्कुराएँगे।

सुबह की पहली किरण से, जीवन में आया नया रंग,
सत्यनारायण की कथा हुई, गूँजती है मधुर तरंग।
हर दिल में उमंग है, चुराया सबने उल्लास,
खुशियों का ये मौसम है, चलो मनाएँ हम साथ।

दुख का साया छूटा, हर मन में बसी बहार,
बच्चों की हंसी से भरा, ये प्यारा सा संसार।
खुशियों का कारण क्या है, क्यों जानना है तुमको,
बस ये याद रखो, खुश रहो, यही खुशी है सबको।

खुशियों की बौछार आई, छू लो इसे हर बार,
आज के दिन को जी लो, सहेज लो खुशियों का प्यार।
खुशियों की मुस्कान में, जीवन को हम सजाएँ
नये घर में जाने की खुशियां ही खुशियां आईं।


- Kaushik Dave

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આવું તે કંઈ હોય! વાદળોમાં ઘર હોય!
છતાં કલ્પના કરીએ, મનમાં ઉમંગ હોય.

વાદળોમાં એક ઘર, આકાશ એનું છત,
નીચે ધરતી લીલી, જાણે કુદરતની રમત.

હવામાં હિંચકો ઝૂલે, વાદળોની પાળ,
પંખીઓ ગીત ગાય, ટહુકે રસાળ.

સૂરજની કિરણો રમે, વાદળના આંગણે,
તારાઓ ઝબકે રાત્રે, ચાંદાના સંગાથે.

વાદળોનું ઘર મારું, સપનાઓનો દેશ,
શાંતિ અને પ્રેમથી ભરેલું, મન હંમેશ.

આવું તે કંઈ હોય! વાદળોમાં ઘર હોય!
છતાં કલ્પના કરીએ, મનમાં ઉમંગ હોય.


- Kaushik Dave

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શોધી રહ્યો છું હું મને,બે ચિત્રોની વચ્ચે
એક ચિત્ર પરિચિત છે, બીજું કોનું છે?
@કૌશિક દવે
ધૂંધળી થતી યાદો, યાદોમાં શોધું હું મને
બે ચિત્રોની વચ્ચે,શોધી રહ્યો છું હું મને

હ્રદયમાં લાગણી છે, બીજા ચિત્રમાં કોણ છે?
યાદ કરું છું એ બધું, ભૂલી ગયો હું મને!

ખોટી ટેવો છે મને, ભૂલી જવાની આદત મને
શોધી રહ્યો છું હું મને,બે ચિત્રોની વચ્ચે!

પહેલા ચિત્રમાં લાગણી છે, બીજામાં કંઈક ભાવ છે
યાદ ના આવે બીજું ચિત્ર, એમાં શોધી રહ્યો છું હું મને..
- કૌશિક દવે


- Kaushik Dave

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मिडिल क्लास लाइफ
- कौशिक दवे

पापा, मुझे बाइक चाहिए।

पापा..
बेटा, पिछले साल ही एक्टिवा दिलवाई थी।

बेटा..
पापा, मेरे सभी दोस्त के पास बाइक है।

पापा..
बेटा,हम मिडिल क्लास फैमिली है। हमें अपनी हेसियत के अनुसार जीना चाहिए। पिछले महीने ही लोन की आखरी क़िस्त पूरी हुई थी। थोड़ा इंतजार करों।

बेटा..
ठीक है पापा, मैं पढ़ाई के साथ साथ पार्ट टाइम जॉब करना चाहता हूं। मैं घर के लिए मदद करना चाहता हूं।

पापा..
अभी जोब करने की जरूरत नहीं है। पढ़ाई में ध्यान रखना होगा क्योंकि हम मिडिल क्लास की फैमिली के लिए पढ़ाई ज्यादा जरूरी है। अच्छी सी नौकरी के लिए। जब तुम जॉब करना शुरू करोगे तब तुम्हें बाइक ला दूंगा।

बेटा...
पापा,आप कितने अच्छे हो। हमारी सब ज़रुरत पूरी करते हो और हमारी खुशी में ही अपनी खुशी देखते हो।
- कौशिक दवे

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કોઈ કહે કે નજરના જામ છલકાય છે
આંખો પાછળની દુનિયા ક્યાં સમજાય છે!

નજરથી નજર મળે ને હોંઠ મલકાય છે
આ કેવો દગો મળે ને સૂટકેસમાં પૂરાય છે

ન સમજાય આ આંખોની દુનિયા મને
હ્રદયમાં ભાવ છે? એ પણ ક્યાં સમજાય છે!

હ્રદયમાં લાગણી હોવા છતાં મુંજાઈ જાવ છું
આંખો પાછળની દુનિયા ક્યાં સમજાય છે!

કોઈ કહે કે ધન વૈભવ, પ્રેમમાં જરૂરી નથી
આંખોં પાછળની દુનિયા ક્યાં સમજાય છે!

હોંઠ કંઈક કહે, નજરમાં હોય ધન વૈભવ
આવી લાલચુ દુનિયા હવે ક્યાં સમજાય છે!
- કૌશિક દવે


- Kaushik Dave

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उसकी भीगी आंखों ने बता दिया कुछ ऐसा
अंतिम डग भरते डगमगाने लगे उसके पैर ।

आंखों में आसूं थे, दिल में निराशा छाई थी
जीने से बेहतर है, मरने की कसम खाई थी।

हर जगह देखी उसने वासना भरी निगाहें
मर्दों की नजर में, औरत कोई खिलौना।

टूट जाती है औरत,जब ऐसा देखा करतीं हैं
टूटे हुए खिलौने की तरह इस्तेमाल की जाती है।

अंतिम डग कहां चलूं, यही सोचते रह जाती है
ऐसे ही जिंदगी, टूटता हुआ खिलौना बन जाती है।
- कौशिक दवे



- Kaushik Dave

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"पिता की सलाह और दोस्त"

पिताजी, मुझे पाँच सौ रुपए चाहिए।

लेकिन बेटा, मैंने तुम्हें कल दो सौ रुपए दिए थे।

पिताजी, तुम बूढ़े हो। तुम हमेशा हिसाब माँगते हो। मुझे चाहिए क्योंकि मुझे चाहिए।

लेकिन बेटा, हम साधारण मध्यम वर्ग के लोग हैं। हम किफ़ायती तरीके से जीते हैं। मैंने अभी तुम्हारी बी.कॉम की फीस भरी है। तुम्हें पता है कि मैंने ऑफिस से लोन लिया था।

मुझे इस बारे में कुछ नहीं पता। मुझे अपने दोस्तों को पार्टी देनी है।

बेटा, मैं तुम्हें पाँच सौ रुपए दूँगा, लेकिन समझदारी से खर्च करना। अच्छे दोस्त होना ज़रूरी है।

पिताजी, तुम हमेशा शक करते हो।

नहीं बेटा, मुझे शक नहीं है, लेकिन मैंने कल एक पुलिसवाले को तुम्हारे एक दोस्त को गिरफ़्तार करते देखा। मुझे तुम्हारी संगत पसंद नहीं है।

अगर तुम नहीं देना चाहते, तो मना मत करना। मैं नहीं जाना चाहता। मैं अपने दोस्तों से मिलने चला जाता हूं।

गुस्साया बेटा घर से चला गया।
पिता चौंक गए। पिता को लगा कि उन्होंने बहुत कठोर बात कह दी है।

शाम होने के बाद भी बेटा घर नहीं आया।

जब उसने टीवी चैनलों पर देखा तो शहर में आगजनी और दंगे हो रहे थे।

सरकारी योजनाओं का विरोध करने के लिए कुछ असामाजिक तत्वों ने शहर में आतंक फैला रखा है।

जब पिता ने देखा तो पुलिस उसके बेटे के दोस्त जैसे दिखने वाले एक युवक को पकड़कर ले जा रही थी।

पिता ने बेटे को फोन किया लेकिन बेटे का फोन नेटवर्क नहीं मिल रहा था।

घर पर मौजूद माता-पिता चिंतित थे। रात होने के बाद भी बेटा दिखाई नहीं दिया।

घर के दरवाजे पर दस्तक हुई।

पिता ने दरवाजा खोला तो बेटा घायल पड़ा था। बेटा कमजोर होकर घर आया।

उसने पिता से अपनी गलती के लिए माफी मांगी।

उसने कहा कि पिताजी आप सही कह रहे हैं। मेरे दोस्त शरारती और असामाजिक तत्वों के साथ मिलकर उत्पात मचा रहे थे। मैंने उन्हें रोकने की कोशिश की लेकिन उन्होंने मुझे भी हॉकी और डंडे से पीटा। मैं मुश्किल से बच पाया। पिताजी आप महान हैं। अगर तुमने अपनी सीख को ध्यान में रखा होता तो यह नौबत नहीं आती।

पिता:-"हाँ बेटा, तुमने गलती की। लेकिन तुमने समझा , यही महत्वपूर्ण है। अब अपनी पढ़ाई पर ध्यान दो। कहावत है कि सुबह उसी क्षण से होती है जब तुम उठते हो। देर आए, दुरुस्त आए।"
* पिता जैसा अच्छा दोस्त कोई हो ही नहीं सकता।
- कौशिक दवे

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આમ તો હું શ્વાસ લેતો હતો
વચ્ચે વચ્ચે થોડી ઉધરસ ખાતો હતો
આમ તો હું શ્વાસ લેતો હતો
સાથે સાથે દવાઓ લેતો હતો..

રહેવા ગયો ફ્લેટમાં દસમા માળે
છતાં થોડો થોડો શ્વાસ લેતો હતો

કેટલાક વૃક્ષો દટાયા ફ્લેટો નીચે
થોડો થોડો તો શ્વાસ લેતો હતો
નજર કરી આકાશ તરફ
નથી વાદળ, ઘણો તાપ હતો
થોડો થોડો શ્વાસ લેતો હતો.
- કૌશિક દવે
- Kaushik Dave

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