**"कभी-कभी हम बस चुप रहते हैं,
क्योंकि हमें डर होता है...
जो बात कह देंगे, कहीं वो रिश्ता ही तोड़ न दे।
हम मुस्कुराते हैं, ताकि कोई हमारी टूटन ना पढ़ सके,
हम मज़ाक करते हैं, ताकि कोई हमारी तन्हाई को ना समझ सके।
हम सबसे बात करते हैं, सिवाय उस एक इंसान के,
जिससे सच में बात करने की सबसे ज़्यादा चाह होती है।"**
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क्या आपने भी कभी ऐसा महसूस किया है?
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Good evening 🌆