यदि आपके चंद मीठे बोल बोलने से किसी का रक्त बढ़ता है तो यह भी ‘रक्तदान’ है ।
यदि आपके पीठ थपथपाने से किसी की थकान मिटती है तो यह भी ‘श्रमदान’ है ।
यदि थाली में उतना ही लें जितना खा सकें और भोजन को व्यर्थ न करें तो यह भी ‘अन्नदान’ है ।
किसी रोते हुए व्यक्ति को हँसा दो और वो अपने आँसू पोंछ ले तो यह भी ‘स्वच्छ भारत अभियान’ का एक हिस्सा है ।