**वे स्त्रियाँ जो सवाल नहीं करती,
रह जाती हैं खुद एक सवाल बनकर।
जो चुप रहती हैं,
उनकी खामोशी एक दिन दूसरों का फ़ैसला बन जाती है।
जो सहती जाती हैं,
वही सबसे पहले टूटती भी हैं।
जो मुस्कान ओढ़ लेती हैं,
सबसे गहरी चोटें भी वही छुपाती हैं।
जो झुक जाती हैं,
उनकी रीढ़ को कमज़ोरी समझ लिया जाता है।
जो सहन करती हैं,
उन्हें ही सहने का फ़र्ज़ थमा दिया जाता है।
जो अपने हिस्से का आसमान नहीं माँगतीं,
उनके सिर पर अधिकार नहीं—
बंधन रख दिए जाते हैं।
पर सच यह है—
जो स्त्री बोलती है,
वो हंगामा नहीं करती…
इतिहास बदल देती है।
और जो सवाल उठाती है,
वो सिर्फ़ अपनी नहीं—
पूरी पीढ़ियों की किस्मत लिखती है।**
ArUu ✍️