दुनिया सीधे लोगों की नहीं हैं.... चलाक बनो.. जानकारी उतनी ही इकठी करो जिसको तुम रख सकते हो.. जयादा जानकारी बहुत सेहत के लिए हानिकारक होती हैं.. हाँ मेरी बात अक्सर त्रिपाठी से होती हैं मोबइल पर... आज कल वो नये केस की भाग दौड़ मे लगा हुआ हैं। हम सब जानते हैं... वो एक सुलझा हुआ अफसर हैं। हर बात बारीकी से लेता हैं --- आम ताम तो उससे बात करने को भी घबराते हैं... उसका हेयर स्टाइल ऊपर को सुनहरी वाल वाहना... लम्बा चेहरा.. सडोल सीना.. मसल बने हुए... टागे फुर्तीली थी।
टाम ज़िंदा हैं - 1
टाम जिन्दा हैं ----- दुनिया सीधे लोगों की नहीं हैं.... चलाक बनो.. जानकारी उतनी ही इकठी करो जिसको तुम सकते हो.. जयादा जानकारी बहुत सेहत के लिए हानिकारक होती हैं.. हाँ मेरी बात अक्सर त्रिपाठी से होती हैं मोबइल पर... आज कल वो नये केस की भाग दौड़ मे लगा हुआ हैं। हम सब जानते हैं... वो एक सुलझा हुआ अफसर हैं। हर बात बारीकी से लेता हैं --- आम ताम तो उससे बात करने को भी घबराते हैं... उसका हेयर स्टाइल ऊपर को सुनहरी वाल वाहना... लम्बा चेहरा.. सडोल सीना.. मसल बने हुए... टागे फुर्तीली थी।जयादा तर वो ...Read More
टाम ज़िंदा हैं - 2
टाम ज़िंदा है -------(2) धारावाहिक।मृत्युलोक मे ज़ब भी अच्छा करने की किसी ने भी कोशिश की, उसका सब कुछ गया। कोई भी ऐसा कयो नहीं कर सकता। ये जीवन की कुछ कड़िया है।तंग गली मे त्रिपाठी का गोरमिंट फ्लेट था... पुलिस वालो का जैसा होता है... पहले सीढिया चड़ कर, फिर साथ ही कमरा, बाहर बालकोनी... साथ मे एक बेडरूम, अटैच बाथरूम। किचन एक दम से खुला हुआ था। कोई डोर नहीं थी... आज कल का फेशन का किचन... ड्राइंगरूम मे एक सडोल आदमी की पिचर लगी हुई ओर हार डले हुए पुलिस वर्दी मे... ये त्रिपाठी के पिता ...Read More
टाम ज़िंदा हैं - 3
टाम ज़िंदा है -----(3)पुलिस के आने की भगदाड़ ने बहुत लोगों को वही का वही रोक लिया था.. बिना के ही चेकिंगे शुरू कर दी गयी थी.. कोई आपनी जगह से हिलना तो दूर सास भी जैसे बहुत तो भय से डरे आपने आप से लड़ रहे थे.. "कयो आये इस पुलिस हेड लाइन मे "-----। घर और दुकाने खुला खुला के सब परफेक्ट जांच की गयी थी... सुराग मिल चूका था... हसन इतना बम्ब और पिस्टल बनाने मे माहिर था उससे भी चूक हो गयी थी। ज़ब पुलिस को पता चला तो बस, उसे ले चले मामा जी ...Read More
टाम ज़िंदा हैं - 4
टाम ज़िंदा है ----- (4)तकलीफ के बाद किसी को पेट भर रोटी खिला देना, नंगे पैर काटे चुभते है, कहता है फूलो की बसती मे ऐसे घूमो। आज ख़त्म होंगेकिसी के लिए, बनो तो सही पहले। तुम कया जानते हो, कुछ भी नहीं, करता तो कोई ओर है। जिंदगी को शातिर बनो । सुस्त नहीं।लिखा लिया था ----- खाली पेज पे सिग्नेचर, उसने उर्दू मे किये थे। मुंशी सीता राम जो उर्दू आठवीं तक पढ़े थे।उन्होने पढ़ा था.... हसन तुगलक।कागज भी वेरिफिकेशन हो चूका था... एक नहीं दो।एक मे लिखा था... शर्त जो पुछूगा, उसका जबाब सही ढंग से ...Read More
टाम ज़िंदा हैं - 5
टाम ज़िंदा है।---------------(5)बदले की तड़प इंसान को कभी कभी जो सोचा नहीं होतावो बना देती है। पुलिस की वर्दी लगा दाग धोना हर किसी के दिमाग़ मे नहीं चलता। कुछ चीजे हम भूल नहीं सकते। कि दुश्मन इतना शातिर हो सकता है।प्रेम की हसन की बात रिकॉर्डिंग हो चुकी थी। उसको हसन ने रेलवे की पछचिम की ओर एक पुराने पोस्ट ऑफिस की ओर बुलाया था, पहले यहां डाक घरहोता था, अब वो वीरान था। एक पेटी खेप बारूद की थी.. ओर कुछ 32 बोर के कटे..एक दो बंदूके।हसन वही अमन बन चूका था उसका इडनटी एक गोरमिंट कार्ड ...Read More