मोहब्बत थी... या साज़िश ?

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"तुमने मुझसे मोहब्बत की थी या बस मज़ाक?" आकाश की आवाज़ काँप रही थी। ज़ोया की आँखें झुकी हुई थीं, जैसे जवाब देने से डर रही हों। "कभी तुमसे झूठ नहीं बोला आकाश... बस सच पूरा नहीं बताया।" उसके शब्दों में एक अजीब सी सच्चाई थी — जैसे मोहब्बत भी थी, और कोई साज़िश भी।

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"मोहब्बत थी... या साज़िश?"Episode 1: उसकी आंखों में जो राज़ था...---"तुमने मुझसे मोहब्बत की थी या बस मज़ाक?"आकाश की काँप रही थी।ज़ोया की आँखें झुकी हुई थीं, जैसे जवाब देने से डर रही हों।"कभी तुमसे झूठ नहीं बोला आकाश... बस सच पूरा नहीं बताया।"उसके शब्दों में एक अजीब सी सच्चाई थी — जैसे मोहब्बत भी थी, और कोई साज़िश भी।---️ कहानी की शुरुआत…बारिश की एक रात थी।आकाश अकेला छत पर बैठा था, आँखों में सिगरेट की राख और दिल में अधूरा सा कुछ।वो उसे गए तीन साल हो चुके थे।बिना कुछ कहे, बिना कोई वजह दिए — बस गायब ...Read More