Check-In हुआ, Check-Out नहीं !

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"आर्या शर्मा" का दिल टूटा था। एक पांच साल पुराने रिश्ते का अंत हुआ था — और साथ में खत्म हो गया था उसका आत्मविश्वास, मुस्कुराहट और वो सारी योजनाएं जो उसने अपने सपनों के साथ बुन रखी थीं। कॉर्पोरेट जॉब भी छूट गई थी, और सोशल मीडिया के दोस्त तो जैसे उसकी ज़िंदगी से ही unfollow हो गए थे। घरवालों का एक ही राग — > "अब तो शादी कर लो बेटा, उम्र हो रही है!"

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Check-In हुआ, Check-Out नहीं! - अध्याय 1

अध्याय 1: "Check-In हुआ, Check-Out नहीं!""आर्या शर्मा" का दिल टूटा था। एक पांच साल पुराने रिश्ते का अंत हुआ — और साथ में खत्म हो गया था उसका आत्मविश्वास, मुस्कुराहट और वो सारी योजनाएं जो उसने अपने सपनों के साथ बुन रखी थीं।कॉर्पोरेट जॉब भी छूट गई थी, और सोशल मीडिया के दोस्त तो जैसे उसकी ज़िंदगी से ही unfollow हो गए थे।घरवालों का एक ही राग —> "अब तो शादी कर लो बेटा, उम्र हो रही है!""उम्र हो रही है" — जैसे कोई टाइम बम हो जो हर लड़की के लिए 25 की उम्र के बाद फटता ...Read More

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Check-In हुआ, Check-Out नहीं! - अध्याय 2

अध्याय 2: "मोनिका ki entry" 🪩सुबह की पहली रोशनी आर्या की आँखों पर पड़ी, तो वो एक झटके में बैठी।रात की घटना… वो Walkman… वो फुसफुसाहट — सब जैसे किसी बुरे सपना था।लेकिन ज़मीन पर अब भी वो Walkman पड़ा था, जिससे अब कोई आवाज़ नहीं आ रही थी।आर्या ने उसे एक अख़बार में लपेटा और बैग के सबसे नीचे दबा दिया।फिर सीढ़ियाँ उतरकर नीचे लॉबी में आई, जहाँ रघु काका अपने चाय के कुल्हड़ में फूँक मार रहे थे।> "गुड मॉर्निंग काका,"आर्या ने झिझकते हुए कहा,"रात को किसी ने गाना चलाया था क्या?"रघु काका मुस्कराए, जैसे उन्हें ...Read More