Check-In Hua, Check-Out nahi - 2 in Hindi Horror Stories by Sakshi Devkule books and stories PDF | Check-In हुआ, Check-Out नहीं! - अध्याय 2

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Check-In हुआ, Check-Out नहीं! - अध्याय 2

🖤 अध्याय 2: "मोनिका ki entry" 🪩👻

सुबह की पहली रोशनी आर्या की आँखों पर पड़ी, तो वो एक झटके में उठ बैठी।
रात की घटना… वो Walkman… वो फुसफुसाहट — सब जैसे किसी बुरे सपना था।
लेकिन ज़मीन पर अब भी वो Walkman पड़ा था, जिससे अब कोई आवाज़ नहीं आ रही थी।

आर्या ने उसे एक अख़बार में लपेटा और बैग के सबसे नीचे दबा दिया।

फिर सीढ़ियाँ उतरकर नीचे लॉबी में आई, जहाँ रघु काका अपने चाय के कुल्हड़ में फूँक मार रहे थे।

> "गुड मॉर्निंग काका,"
आर्या ने झिझकते हुए कहा,
"रात को किसी ने गाना चलाया था क्या?"



रघु काका मुस्कराए, जैसे उन्हें कुछ याद आ गया हो —

> "अरे… वो शायद मोनिका रही होगी। 1995 में बहुत डांस किया करती थी।" 😌



आर्या का माथा चकराया।

> "Wait… क्या मतलब? मोनिका अब भी यहाँ रहती है?"



रघु काका ने कुछ पल रुककर धीरे से जवाब दिया —

> "रहती नहीं… बस फंसी हुई है।"




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💃 मोनिका की पहली झलक

उस रात, आर्या बहुत देर तक सो नहीं पाई।
वो सोचती रही — “मोनिका कौन है? फंसी हुई? ये जगह सच में normal है?”

रात करीब 1 बज रहे थे जब उसकी नींद टूटी —
किसी ने कमरे में अचानक लाइट जला दी थी।

वो उठकर बैठी और देखा…

उसके सामने एक लड़की खड़ी थी!

चमचमाता disco टॉप, पर्पल डांसिंग शूज़, चमकीले झुमके और घुंघराले बाल।
बिल्कुल 90s की फिल्मों से निकली हुई लग रही थी।

> “Hi! I’m Monika… Mujhe Michael Jackson पसंद है!”
लड़की ने एक थिरकते हुए स्टेप के साथ मुस्कराकर कहा।



आर्या का मुंह खुला का खुला रह गया।

> “भ… भूत!”
उसके मुँह से डर के मारे चीख निकल गई।



लड़की ने आँखें घुमाईं —

> "Oh please! भूत नहीं… trapped soul. और चिल्लाना बंद करो यार, मेरी Dance Practice चल रही है!"




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🪞 मोनिका का Disco Zone

आर्या हक्की-बक्की उसे देखती रही।
मोनिका आईने के सामने जाकर पोज़ में खड़ी हो गई।

> “Mirror check… mic check… swag ON!”



उसने Walkman उठाया, प्ले बटन दबाया और अचानक कमरे में 90s का डांस नंबर गूंजने लगा —
🎶 “कहीं आग लगे लग जाए…” 🎶

वो ऐसे थिरकने लगी जैसे कोई stage performance दे रही हो।

आर्या ने खुद को चुटकी काटी।

> “तुम सच में… भूत हो?”



> “I told you… I'm just stuck! 1995 की पार्टी में सीढ़ियों से गिर गई थी — मेरा शरीर तो गया, लेकिन आत्मा disco में अटक गई।”
मोनिका ने बिना थमे बताया।




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🎤 मोनिका की कहानी

आर्या ने हिम्मत जुटाई और पूछा —

> “लेकिन तुम यहाँ क्यों अटकी हुई हो?”



मोनिका कुछ पल के लिए चुप हो गई। उसका चेहरा थोड़ा उदास हुआ, लेकिन फिर भी उसने हँसते हुए जवाब दिया —

> “Because I never finished my last performance. मैं मर गई, पर मेरा swag ज़िंदा है!”



> "उस रात की आखिरी परफॉर्मेंस मेरी ज़िंदगी का सपना थी — एक बड़ी फिल्म इंडस्ट्री का डायरेक्टर आने वाला था…
लेकिन मैं उससे पहले ही सीढ़ियों से गिर पड़ी।"



> "अब मेरी आत्मा हर रात वो डांस दोहराती है — hoping कि कोई तालियाँ बजा दे… ताकि मैं आगे बढ़ सकूं।"




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🕯️ आत्मा और Ringtone

आर्या अब थोड़ा सहज महसूस कर रही थी, पर ये सब surreal था।

> "तो... कोई तुम्हारी performance पूरी होने में मदद नहीं कर सकता?"



> "शायद कर सकता है," मोनिका बोली,
"पर यहाँ सब अपने में ही busy हैं — कोई clap नहीं करता, कोई notice नहीं करता। बस डरते हैं।"



इतने में Walkman फिर से बजने लगा — इस बार ringtone जैसी आवाज़ में।

मोनिका ने शरारती अंदाज़ में आँख मारी और बोली:

> "Oops, मेरा टाइम हो गया! Rehearsal no. 2481 शुरू!"



और फिर वो धुंए की तरह गायब हो गई…

आर्या स्तब्ध रह गई —
कमरे में फिर सन्नाटा था… लेकिन हवा में मोनिका के परफ्यूम की मीठी सी महक अब भी तैर रही थी।


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❗ अंत… या नई शुरुआत?

आर्या ने पहली बार महसूस किया कि इस गेस्ट हाउस में कुछ बहुत गहराई वाला रहस्य छुपा है।

यहाँ आत्माएं बस भटक नहीं रही थीं…
वो अपने अधूरे सपनों में फंसी हुई थीं।

और शायद… आर्या को यहाँ सिर्फ छुट्टी मनाने नहीं,
कुछ अधूरे किस्से पूरे करने आए हैं।


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🔔 अगला अध्याय: "बोतल वाली आत्मा"