दस महाविद्या साधना

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दस महाविद्याओं की कथा देवी पार्वती के दस अवतारों में से देवी काली देवी तारा देवी त्रिपूरी सुन्दरी देवी भुनेश्वरी देवी छिन्न माता देवी भैरवी देवी मंतागी और दवी कमला मां शामिल हैं देवी महात्म्य के अनुसार देवी काली रक्तबीज को हराने के लिए देवी दुर्गा देवी मां के रूप में प्रकट हुई थीं। जमीन पर टपक पड़े रक्त से अपना क्लोन बनाने में सक्षम था। जब युद्ध के दौरान रक्तबीज को मारना असंभव हो गया तो देवी काली मां ने रक्तबीज का खून पृथ्वी पर गिरने से पहले ही निगल लिया देवी काली युद्ध की रणभूमि में एक पैर भगवान शिव की छाती पर दर्शाया गया है।

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दस महाविद्या साधना - 1

दस महाविद्याओं की कथादेवी पार्वती के दस अवतारों में सेदेवी कालीदेवी तारादेवी त्रिपूरी सुन्दरीदेवी भुनेश्वरीदेवी छिन्न मातादेवी भैरवीदेवी मंतागीऔर कमला मां शामिल हैंदेवी महात्म्य के अनुसार देवी काली रक्तबीज को हराने के लिए देवी दुर्गा देवी मां के रूप में प्रकट हुई थीं।जमीन पर टपक पड़े रक्त से अपना क्लोन बनाने में सक्षम था।जब युद्ध के दौरान रक्तबीज को मारनाअसंभव हो गया तो देवी काली मां ने रक्तबीज का खून पृथ्वी पर गिरने से पहले ही निगल लियादेवी काली युद्ध की रणभूमि में एक पैर भगवान शिव की छाती पर दर्शाया गया है।भगवान शिव की छाती पर पैर रखने ...Read More

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दस महाविद्या साधना - 2

तारा देवी को तारने वाली देवी भी कहा जाता है।देवी तारा को तांत्रिकों की देवी भी माना जाता है।तांत्रिक करने वाले भक्त तारा देवी भक्त होते हैं।तारा देवी शत्रुओं का नाश सौंदर्य और रूप एश्वर्य की देवी भी माना जाता है।आर्थिक उन्नति और भोग दान और मोक्ष प्रदान करने वाली देवी है‌देवी तारा अपने भक्तों की हम मनोकामना तत्काल पूरी करती है।देवी तारा की साधना कामुल मंत्र।(ॐ ह्लीं श्रीं स्त्री हूं फट् स्वाहा )तीसरी देवी षोडशीदेवी षोडशी को त्रिपुरा सुंदरी के नाम से भी जाना जाता है।माता षोडशी के नाम से पता चलता है कि माता षोडशी तीनों लोकों ...Read More