Das Mahavidhya Sadhna - 2 in Hindi Motivational Stories by Darkness books and stories PDF | दस महाविद्या साधना - 2

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दस महाविद्या साधना - 2


तारा देवी को तारने वाली देवी भी कहा जाता है।

देवी तारा को तांत्रिकों की देवी भी माना जाता है।

तांत्रिक साधना करने वाले भक्त तारा देवी भक्त होते हैं।

तारा देवी शत्रुओं का नाश सौंदर्य और रूप एश्वर्य की देवी भी माना जाता है।

आर्थिक उन्नति और भोग दान और मोक्ष प्रदान करने वाली देवी है ‌

देवी तारा अपने भक्तों की हम मनोकामना तत्काल पूरी करती है।

देवी तारा की साधना का 

मुल मंत्र।

(ॐ ह्लीं श्रीं स्त्री हूं फट् स्वाहा )


 तीसरी  देवी षोडशी 

देवी षोडशी को त्रिपुरा सुंदरी के नाम से भी जाना जाता है। 

माता षोडशी के नाम से पता चलता है कि माता षोडशी तीनों लोकों में सबसे सुंदर देवी है।

महाविद्या मे वह देवी पार्वती का प्रतिनिधित्व करती है। यां तंत्रिक के रूप में जानी जाती है।

देवी षोडशी को ललिता और राजराजेश्वर के नाम से भी जाना जाता है।

जिसका अर्थ है क्रमशः खेलने वाली और रानियों की रानी है।

(देवी षोडशी की उत्पत्ति )देवी षोडशी को त्रिपुरा सुंदरी को सोलह साल की लडकी दर्शाया गया है।

ऐसा माना जाता है कि देवी षोडशी सोलह प्रकार की इच्छाओं का प्रतीक है।

देवी षोडशी माता मंत्र भी सोलह अक्षरों में है।

युक्त त्रिपुरा सुंदरी को यंत्र के रूप में पूजा जाता है।

देवी षोडशी की प्रतिमा 

त्रिपुरा सुंदरी को सांवली लाल यां सुनहरे रंग और भगवान के साथ जोडा हुआ बताया गया है।

जोड़े के साथ एक बिस्तर एक सिंहासन यां चौकी पर एक चरित्र किया गया है।

जिसे विष्णु रूद्र ईशान और सदा शिव ने तख्ते पर खड़ा किया हुआ है देवी षोडशी के माथे पर तीसरी आंख है।

वे लाल रंग की पोशाक पहने हुए है, और गहनों से सजी हुई है।

और वह सवर्ण सिंहासन पर रखे कमल फूल पर विराजमान हैं।

देवी षोडशी की चार भुजाओं के साथ दर्शाया गया है, जिसमें वह पांच फूलों के तीर पाशा एक अकुश 

और धनुष के रूप में गन्ना रखती है।

फंदा लगव का प्रतिनिधित्व करता है।

और तीर पांच इंद्रय विषयों प्रतिनिधित्व करता है।

देवी षोडशी शक्ति की सबसे मनहोर श्री विग्रह वाली सिद्ध देवी है।

सोलह अक्षरों का मंत्र वाली  उन देवी की अङ्गकातीं उदीयमान सूर्यमंडल की आभा की भांति देवी षोडशी माता की चार भुजाएं और तीन नेत्र हैं।

शांत मुद्रा में लेटे सदाशिव पर स्थित कमल के आसन पर विराजमान रहती है देवी षोडशी 

वर देने के लिए सदा सर्वदा उधत उन उन भगवती का श्री विग्रह सौम्य और ह्रदय दया से आपूर्ति है 

जो भी उनका आश्रय ग्रहण कर लेता है उनमें इश्वर का कोई भेदभाव नहीं रह जाता।

श्री देवी षोडशी की साधना ‌

षोडशी साधना के साथ साथ मुक्ति के लिए भी की जाती है, श्री त्रिपुरा सुंदरी साधना शरीर मन और भावनाओं को नियंत्रित करने शक्ति प्रदान करती है।

श्री देवी षोडशी की साधना परिवारिक सुख के अनुकूल जीवन साथी और सामर्थ्य के लिए भी की

 

जाती है श्री षोडशी देवी मां का 

मुल मंत्र 

( ॐ ह्री,श्री त्रिपुरा सुंदरी यै नमः)


भुनेश्वरी देवी मां( ४)

भुवनेश्वरी देवी मां दस महाविद्या में से चौथी देवी माता है।

देवी भुनेश्वरी देवी मां विश्व माता के रूप में जाना जाता है।

और वे ब्रह्मांड का प्रतिनिधित्व करती है।

वैसे नाम से पता चलता है कि वो सभी लोकों की रानी है और पूरे ब्रह्मांड पर शासन करती है।


भुवनेश्वरी देवी मां की उत्पत्ति 

भुवनेश्वरी देवी मां को शक्ति के रुप में जाना जाता है।

क्रमशः ✍️