अनजानी कहानी

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Hyderabad का सबसे महँगा और जगमगाता कल्याण मंडपम, बिजली की रोशनी में इंद्र भवन जैसा चमक रहा था। हर तरफ मेहमान एक-दूसरे से हँसते हुए बात कर रहे थे। कई लोग कैटरिंग वालों से चाय-कॉफी ले रहे थे। बाहर की चकाचौंध के बीच, एक काली गाड़ी मंडप के सामने आकर रुकी। गाड़ी का दरवाज़ा खुला, और अशोक जल्दी से भीड़ को चीरता हुआ मंडप के अंदर चला गया।

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अनजानी कहानी - 1

Hyderabad का सबसे महँगा और जगमगाता कल्याण मंडपम, बिजली की रोशनी में इंद्र भवन जैसा चमक रहा था।हर तरफ एक-दूसरे से हँसते हुए बात कर रहे थे।कई लोग कैटरिंग वालों से चाय-कॉफी ले रहे थे।बाहर की चकाचौंध के बीच, एक काली गाड़ी मंडप के सामने आकर रुकी।गाड़ी का दरवाज़ा खुला, और अशोक जल्दी से भीड़ को चीरता हुआ मंडप के अंदर चला गया।---अंदर, अर्जुन को उसकी पिन्नी (चाची) कौशल्या देवी शादी का तिलक लगा रही थीं।"कदले रा..." (चलो बेटा) — कह ही रही थीं कि...तभी कमरे का दरवाज़ा खुला।अर्जुन के बाबा आनंद राव और छोटा भाई अशोक तेजी से ...Read More

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अनजानी कहानी - 2

अशोक ने अपनी कार अर्जुन के सामने रोकी:> “बैठ ।”अर्जुन बेबस बैठ गया।रास्ते में झुककर अर्जुन खिड़की से बाहर रहा,खामोश, विचलित, मायूस।जैसे ही कार अनु के घर पहुँची,अर्जुन फ़ौरन उछल कर बाहर गया, सीढ़ियाँ चढ़ता गया।अशोक भी आगे बढ़ गया।> “अनु! दरवाज़ा खोल!” — अर्जुन जोर से चिल्लाया।दरवाज़ा खुला — सामने सौम्या खड़ी थी।> “अर्जुन… प्लीज…”उसने शब्द पुरे किए बिन अर्जुन अंदर घुस गया।> “अनु कहाँ है? मुझसे बात करनी है!”सौम्या कोशिश करने लगी:> “प्लीज अर्जुन... माँ सो रही हैं, शोर मत करो।”> “तुम झूठ बोल रही हो! कहाँ है वह? बताओ!” — और उसने सौम्या के हाथ पकड़ ...Read More

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अनजानी कहानी - 3

विशाल और भव्य फर्नीचर से सजी हुई एक आलीशान हवेली की तरह दिखने वाले घर में, कौशल्या जी अपने से बाहर आकर हॉल में रखे सोफ़े पर बैठीं।"राधिका, कॉफी ले आओ," उन्होंने कहा।रसोई में काम कर रही नौकरानी बोली,"अभी लाती हूँ, अम्मा जी।"कौशल्या जी अपने सामने रखे पेपर को पढ़ने लगीं। कुछ देर बाद आवाज़ आई,"अम्मा जी, कॉफी।"कौशल्या जी उसकी ओर मुड़ीं, कप लिया और पूछा,"तू आ गई बेटा, तेरी माँ नहीं आई क्या?"वो लड़की, ज्योति — नौकरानी राधिका की बेटी — बोली,"माँ को गाँव से फ़ोन आया था, कुछ अर्जेंट था… वो शाम तक लौट आएंगी।"कॉफी की चुस्की ...Read More

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अनजानी कहानी - 4

Priya house:पूर्वी गोदावरी (काकीनाडा) ज़िले में वरिष्ठ कलेक्टर के पद पर कार्यरत प्रिया की माँ और अर्जुन की बुआ देवी के घर में आज चारों ओर शादी की रौनक छाई हुई थी। पूरा घर आम के तोरणों, फूलों और रोशनी से सजा हुआ था। रिश्तेदारों का आना-जाना, बच्चों की हँसी, ढोल-नगाड़ों की आवाज़, और घर के हर कोने से आती खुशियों की गूंज...पंडित जी जल्दी में घर के अंदर घुसे और तोरण लगाने वाले काम वालों को निर्देश देने लगे। फिर वो सुभद्रा देवी के पास जाकर बोले,"मैडम, समय हो रहा है, दुल्हन तैयार है न?"सुभद्रा देवी मुस्कुराते हुए ...Read More

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अनजानी कहानी - 5

अर्जुन अपने बेडरूम की बालकनी में खड़ा था। आज उसकी फर्स्ट नाइट थी, इसलिए उसे यह समझ नहीं आ था कि प्रिया से क्या बात करे। वह तनाव में आकाश की ओर देखते हुए सिगरेट पी रहा था।तभी प्रिया सफेद साड़ी पहने, पूरी बाजू में आभूषणों से सजी, एक ग्लास दूध लेकर कमरे में आई। यह नहीं पता कि लक्ष्मी देवी कैसी होती है, लेकिन प्रिया को पूरे सोने से सजाकर देखने पर ऐसा लग रहा था जैसे सचमुच लक्ष्मी देवी आई हो।प्रिया ने दूध का गिलास पास रखे टी-टेबल पर रखा, बालकनी में खड़े अर्जुन को सिगरेट पीते ...Read More

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अनजानी कहानी - 6

बगीचे में बैठकर अख़बार पढ़ रहे आनंदराव के पास कौसल्या आई और चिड़चिड़ाते हुए अख़बार खींच लिया।आनंदराव हैरानी से हुए पूछा – “क्या हुआ?”कौसल्या गंभीरता से बोली – “अर्जुन, प्रिया का भविष्य बारे में आपने कुछ सोचा है?”आनंदराव आराम से कौसल्या के हाथ से अख़बार लेते हुए बोला – “इसी बारे में? तुम्हें ऐसे गुस्से में देखकर मैंने सोचा कुछ बड़ा हुआ है।” और फिर से अख़बार पढ़ने लगे।इतने में अशोक आया और बोला – “पापा, सबको पैसे दे दिए।”आनंदराव अख़बार पढ़ते हुए ही बोले – “ठीक है बेटा।” फिर अचानक याद आया – “वो रामकृष्ण अंकल की कार ...Read More

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अनजानी कहानी - 7

ज्योति को लेकर गुस्से में जा रहे अर्जुन के पास कौसल्या, प्रिया और बाकी सभी दौड़ते हुए आते हैं। अर्जुन को रोकने की कोशिश करती है, लेकिन अर्जुन गुस्से में कहता है, "प्रिया, साइड हो जाओ, ये तुम्हारे से जुड़ा मामला नहीं है।"प्रिया गुस्से में अर्जुन के सामने आकर कहती है, "ये हमारे लड़कियों से जुड़ा मामला है। तुम्हें पता है कितनी लड़कियाँ रोज़ ऐसे प्रॉब्लम्स फेस करती हैं? मुझसे भी कई बार लोग बेहूदगी से पेश आते हैं, क्या तुम जाके सबको मारोगे?"अर्जुन गुस्से में देखता रहता है।मामला बड़ा होता दिख रहा है, ये देखकर आनंद राव अर्जुन ...Read More

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अनजानी कहानी - 8

राधिका के साथ सामान उठाकर बाहर निकलते ही टीवी पर खबर चल रही थी –“कॉरपोरेटर के बेटे और उसके को पुलिस ने रंगे हाथों पकड़ लिया। कॉलेज में ये लोग ड्रग्स बेचते थे। मिली जानकारी पर एक टीम बनाई गई और इन्हें पकड़ा गया। अब इन्हें नार्कोटिक्स विभाग को सौंपा जा रहा है, वही आगे की कार्रवाई करेंगे।”एसीपी ने मीडिया वालों से इतना कहकर बिना किसी सवाल का जवाब दिए वहाँ से निकल गया।खबर सुनकर ज्योति गुस्से से स्क्रीन देख रही थी। तभी प्रिया आई और ज्योति के कंधे पर हाथ रखकर सिर से इशारा किया – “चल।”दोनों सामान ...Read More