कॉलेज का पहला दिन था। अनन्या, जो कि अपनी छोटी-सी दुनिया में गुम रहने वाली लड़की थी, एकदम शांत, समझदार और किताबों की दीवानी। उसे प्यार वगैरह में कोई दिलचस्पी नहीं थी।लेकिन उसी दिन...जब उसने पहली बार विवान को देखा — ऊँचा, थोड़ी सी बिखरी हुई मुस्कान, और आँखों में कुछ ऐसा जो शब्दों में नहीं कहा जा सकता... तो कुछ पल के लिए समय थम-सा गया।वो लाइब्रेरी में घुसी ही थी कि एक किताब हाथ से गिर गई। झुक कर उठाने ही वाली थी कि किसी ने पहले ही उठा ली..."लव इन द टाइम ऑफ कॉलेरा... Interesting choice," उसने मुस्कुराकर कहा।अनन्या ने पहली बार उसकी आँखों में देखा। और पहली बार उसे किसी की मुस्कान में सुकून मिला।"तुम?"विवान। न्यू ऐडमिशन। और तुम?"अनन्या..."बस, इतना ही कहा। और दोनों के बीच एक अधूरा-सा, लेकिन मीठा सा मौन बन गया।
तेरे एहसास की खुशबू - भाग 1 - 3
Part 1: पहली नज़र में वो कुछ अलग था कॉलेज का पहला दिन था। अनन्या, जो कि अपनी छोटी-सी में गुम रहने वाली लड़की थी, एकदम शांत, समझदार और किताबों की दीवानी। उसे प्यार वगैरह में कोई दिलचस्पी नहीं थी।लेकिन उसी दिन...जब उसने पहली बार विवान को देखा — ऊँचा, थोड़ी सी बिखरी हुई मुस्कान, और आँखों में कुछ ऐसा जो शब्दों में नहीं कहा जा सकता... तो कुछ पल के लिए समय थम-सा गया।वो लाइब्रेरी में घुसी ही थी कि एक किताब हाथ से गिर गई। झुक कर उठाने ही वाली थी कि किसी ने पहले ही ...Read More
तेरे एहसास की खुशबू - भाग 4
"तेरे एहसास की ख़ुशबू" – भाग 4(पिछले भागों में: आरव और अंशिका के बीच एक अनकहा रिश्ता पनप रहा छोटी-छोटी बातों में उनकी नज़दीकियां बढ़ रही थीं, लेकिन दिल की बात अभी भी अधूरी थी।)भाग 4: "मौन की मुस्कान"बारिश की बूँदें खिड़की से टकरा रही थीं। अंशिका अपनी डायरी में कुछ लिखने ही वाली थी कि फ़ोन की स्क्रीन जगमगाई — "आरव कॉलिंग..."“हैलो?” – अंशिका ने धीरे से कहा।“बारिश हो रही है… और मुझे सिर्फ़ एक ही चीज़ याद आ रही है,” – आरव की आवाज़ में वही पुराना सुकून था।“क्या?” – अंशिका मुस्कराई।“वो खामोश सी दोपहर… जब तुम्हारे ...Read More