Obession of my Girl

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वो अब तक शराब के चार बोतल ख़तम कर चुकी थी। एक आलीशान कमरा… जिसमें दीवारों कुछ महंगी पेंटिंग्स लगे थे । वो कोई आम पेंटिंग्स नहीं थे, हर जगह अलग अलग जानवरों के पेंटिंग्स थे , जैसे हर तस्वीर चीख-चीख कर कुछ कह रही हो । रूम का थीम ब्लैक एंड ग्रे था । वो सोफ़े पै बैठे हुए सामने स्क्रीन पर कुछ देख रहीं थीं । फ़िर सामने रखे ग्लास को अपने होठों को से लगाते हुए एक एक शिप पी रही थी तभी कुछ बाते उसके जेहन में आने लगी ।" “ये शराब आप मत पिया करे " शायद कुछ बाते उसे सुनायी दे रही थी।

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Obession of my Girl - 1

वो मोहब्बत नहीं थी... वो जुनून था। नूर ताविश को किसी भी कीमत पर पाना चाहती थी — फिर चाहे मर्ज़ी के बिना शादी क्यों न करनी पड़े। पर क्या जबरन हासिल किया गया प्यार, कभी चैन दे सकता है? ताविश की ज़िंदगी में हमेशा दर्द था — और अब नूर भी उसी रास्ते पर चल पड़ी थी। लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती… क्योंकि अब कहानी में आता है विहान — एक ऐसा शख़्स जो नूर को पाने के लिए पूरी दुनिया जला कर सकता है। जब जुनून टकराएंगे, सच सामने आएंगे, और दिल बिखरेंगे, तब कोई मासूम नहीं बचेगा। और प्यार… अब वो पवित्र अहसास नहीं रहेगा — बल्कि एक खेल बन जाएगा, जिसमें हर कोई हार रहा होगा। ...Read More

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Obession of my Girl - 2

अब तक अपने पढ़ा ,कुछ बाते फिर से उसके कानो में सुनाई दे रही थी। "कितने खूबसूरत पल हमने बारिश मै बिताए है न "। फिर वो अपने मान मै आए ख्यालों को झटकते हुए , सामने चांद को देखते हुए हल्का मुस्कुराई । फिर वाइन के एक शिप को अपने होठों से लगते हुए बोली । " तेरे प्यार ने सरेआम बदनाम कर दिया मुझे, शराब का गुलाम कर दिया मुझे "।।अब आगे ,सुबह का वक्त था…एक अजीब से ख़ामोशी थी । नूर जो गहरी नींद मै सो रही थी ।अचानक उसकी आँखें खुलती है । जैसे किसी ...Read More