Vampire Pyar Ki Dahshat

(2)
  • 30
  • 0
  • 666

रात के तीसरे पहर का समय था। चंद्रमा बादलों की ओट में छुपा था, और पूरा गांव किसी अज्ञात डर की सिहरन में सिमटा पड़ा था। हवा में एक अजीब सी घुटन थी मानो किसी ने अभी-अभी खून बहाया हो। दीवान के जंगल से रात में चीखों की गूंज सुनाई देती, लेकिन किसी की हिम्मत नहीं होती थी वहाँ झाँकने की। कहते हैं वहाँ एक पिशाच है, जो जवान लड़कियों के खून से अपनी जवानी अमर बनाए बैठा है। पर सबसे डरावनी बात ये थी कि वो पिशाच... उसी गांव में रहता था... और कोई नहीं जानता था कि वो कौन है। गांव का नाम था रतनपुर, एक घना, हरियाली से भरा लेकिन रहस्यमय इलाका, जहाँ ज़िंदगी धीमी थी पर अंधेरा तेज़ी से फैलता था। गांव का हर आदमी सीधा-सादा, मेहनती और धार्मिक था। लेकिन एक इंसान, अग्निवेश, बाकियों से अलग था। अग्निवेश एक 30 वर्षीय युवक था, गहरा रंग, उबला हुआ चेहरा, गहरी नीली आँखें और ऐसा जादुई व्यक्तित्व, कि जिसे देखो, उसके सामने नतमस्तक हो जाए। महिलाएं उसे देखकर मुस्कराती थीं और पुरुषों को उसमें कुछ अजीब सा डर लगता था।

Full Novel

1

Vampire Pyar Ki Dahshat - Part 1

रात के तीसरे पहर का समय था। चंद्रमा बादलों की ओट में छुपा था, और पूरा गांव किसी अज्ञात की सिहरन में सिमटा पड़ा था। हवा में एक अजीब सी घुटन थी मानो किसी ने अभी-अभी खून बहाया हो। दीवान के जंगल से रात में चीखों की गूंज सुनाई देती, लेकिन किसी की हिम्मत नहीं होती थी वहाँ झाँकने की। कहते हैं वहाँ एक पिशाच है, जो जवान लड़कियों के खून से अपनी जवानी अमर बनाए बैठा है। पर सबसे डरावनी बात ये थी कि वो पिशाच... उसी गांव में रहता था... और कोई नहीं जानता था कि वो ...Read More

2

Vampire Pyar Ki Dahshat - Part 2

दीवान के जंगल की उस शापित गुफा में अब हर रात खून की प्यास भड़कती थी। अग्निवेश, जो अब आम इंसान नहीं रहा था, अपने भीतर के उस राक्षसी पिशाच को नियंत्रण में रखने का अभिनय करता, पर भीतर से वह अब केवल एक चीज़ के लिए जीवित था – लहू।पर उसे मालूम था कि अगला शिकार किसी जानवर का नहीं होगा… अब समय था इंसानी लहू का… और वो भी एक युवा, सुंदर लड़की का।गांव में एक लड़की थी "जया"।उम्र 18 साल, नाम के जैसे ही जीवन से भरी हुई। उसके लंबे काले बाल, चमकती आँखें और मासूम ...Read More