फाइंडिंग मी, फाइंडिंग अस

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यह कहानी पूरी तरह से स्वरचित और मौलिक है। कहानी पूरी तरह से काल्पनिक घटनाओं पर आधारित है। किसी विशेष घटना, स्थान, किरदार, जीवित या मृत किसी भी व्यक्ति से कहानी का कोई सम्बन्ध नहीं है। कहानी के कॉपी राइट्स लेखिका - कंचन सिंगला के पास सुरक्षित हैं। कॉपी राईट एक्ट का उलंघन करने की चेष्टा ना करें। कंचन सिंगला गोल्डन हार्ट यह कहानी अधिकतर अपने हिस्सो में समाज से जुड़े कुछ पहलुओं को भी दर्शाएगी जो लड़कियों की ज़िंदगी का कड़वा सच है कहीं ना कहीं आज भी।

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फाइंडिंग मी, फाइंडिंग अस - पार्ट 1

यह कहानी पूरी तरह से स्वरचित और मौलिक है। कहानी पूरी तरह से काल्पनिक घटनाओं पर आधारित है। किसी घटना, स्थान, किरदार, जीवित या मृत किसी भी व्यक्ति से कहानी का कोई सम्बन्ध नहीं है। कहानी के कॉपी राइट्स लेखिका - कंचन सिंगला के पास सुरक्षित हैं। कॉपी राईट एक्ट का उलंघन करने की चेष्टा ना करें।©®©®©®©®®©®®©®©®©®©®©®©®कंचन सिंगला गोल्डन हार्टयह कहानी अधिकतर अपने हिस्सो में समाज से जुड़े कुछ पहलुओं को भी दर्शाएगी जो लड़कियों की ज़िंदगी का कड़वा सच है कहीं ना कहीं आज भी।कहानी शुरू होती हैएकपांच साल की लड़की जिसका नाम कंगना है। वह जिद ...Read More

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फाइंडिंग मी, फाइंडिंग अस - पार्ट 2

कंगना कहती है.....मम्मा! मुझे शादी से कोई दिक्कत नहीं है लेकिन मुझे शादी से पहले अपनी एक छोटी सी पूरी करनी है। मैंने एग्जाम के लिए विश मांगी थी कि अगर अच्छे से हो गए तो मैं जाखू मंदिर जाऊंगी। श्रेया ने भी विश मांगी थी। हमें वहां जाना है बस आपकी अनुमति चाहिए। मुझे शादी से पहले ही जाना है, आप यह मत कहना की आशीष के साथ चली जाऊं। वो वैसे भी शहर से बाहर गया है और शादी से पहले उसके साथ घूमने जाने की अनुमति पिताजी के पिताश्री बिल्कुल भी नहीं देने वाले और एक ...Read More

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फाइंडिंग मी, फाइंडिंग अस - पार्ट 3

श्रेया से बात करके वह फोन रख चुकी थी। तभी उसकी बहन कमरे में आते हुए कहती है....दी! आप जा रहे हो क्या ? मैंने सुना ताइज़ी और मम्मी को पापा, दादू, दादी, बड़े पापा और पापाजी से बात करते हुए। सब बहुत गुस्सा कर रहे थे।कंगना लापरवाही से अपना बैग पैक करते हुए बोली....कुछ नया है क्या इसमें, वो हर बार ही ऐसा करते हैं।शिल्पी ने कहा....अभी उन्होंने हां नहीं की है जो तुमने बैग लगाना शुरू कर दिया।कंगना ने कहा.... जानती हूं कि उन्होंने अभी हां नहीं की है लेकिन सारी बहस के बाद वह हां ही ...Read More

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फाइंडिंग मी, फाइंडिंग अस - पार्ट 4

अगले दिन सुबह होते ही कंगना अपनी दोस्त के साथ स्कूटी पर देहरादून से शिमला के लिए निकल गई जाते जाते भी उसे हिदायतों की लंबी चौड़ी लिस्ट समझा दी गई थी कि उसे रास्ते में क्या करना है और क्या नहीं। जिन्हें वह बचपन से ही सब सुनती आ रही थी।रास्ते में उनकी स्कूटी एक कार से टकरा गई जिसकी वजह से कंगना और श्रेया स्कूटी से गिर गई थी। हालांकि उन्हें चोट नहीं लगी थी लेकिन वह दोनों गुस्से में आग बबूला हो गई थी।समय और उसका ग्रुप जो कॉलेज के आखिरी साल की आखिरी यादें बनाने ...Read More

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फाइंडिंग मी, फाइंडिंग अस - पार्ट 5

अब बात करते है समय की, जो मुंबई मे रहता है और एक अमीर परिवार से संबंध रखता है। उसके कॉलेज के आखिरी साल के आख़िरी दिनों का वक्त है जिसे वह यादगार बनाना चाहता था। इसके लिए वह और उसके दोस्त साथ शिमला घूमने का प्लान करते है। प्लान बनते ही वह निकल आए थे अपनी गाड़ी लेकर इधर।वह तीनों शिमला पहुंच चुके थे और पहले से बुक हुए रिजॉर्ट में आराम फरमा रहे थे। सब स्विमिंग पूल के पास बैठे एंजॉय कर रहे थे। कोई स्विमिंग कर रहा था तो कोई स्विमिंग करके पूल से बाहर आकर ...Read More