सुबह का समय था जब खिड़की से छन कर आती धूप उस लड़के के नंगे जिस्म पर पड़ रही थी। वो लड़का उस बड़े से मेंशन के एक कमरे में किंग साइज बेड पर बेसुध सा पड़ा हुआ था। उसके हाथ और पैर अब भी बेड फ्रेम से बंधे हुए थे। चमड़ी कई जगहों से छिल चुकी थी, और पुराने खून के निशान अब गहरे भूरे रंग में तब्दील हो चुके थे। उसका चेहरा पीड़ा पड़ा हुआ था । उसका शरीर, उसके शरीर पर गहरे नीले और काले रंग के निशान चीख चीख कर पिछले रात गवाही दे रहे थें। उस लड़के की आंखें खुली हुई थीं लेकिन उनमें कोई भाव नहीं था, जैसे कि उसकी आंखें पूरी तरह से खाली कर दी गई हों। वो बस एकटक सीलिंग को घूरे जा रहा था और यही सोच रहा था कि उसकी जिंदगी कहां से कहां पहुंच गई।
अरहान : वेल्वेट स्कार्स ऑफ लव - 1
सुबह का समय था जब खिड़की से छन कर आती धूप उस लड़के के नंगे जिस्म पर पड़ रही वो लड़का उस बड़े से मेंशन के एक कमरे में किंग साइज बेड पर बेसुध सा पड़ा हुआ था।उसके हाथ और पैर अब भी बेड फ्रेम से बंधे हुए थे। चमड़ी कई जगहों से छिल चुकी थी, और पुराने खून के निशान अब गहरे भूरे रंग में तब्दील हो चुके थे।उसका चेहरा पीड़ा पड़ा हुआ था । उसका शरीर, उसके शरीर पर गहरे नीले और काले रंग के निशान चीख चीख कर पिछले रात गवाही दे रहे थें।उस लड़के की ...Read More