रात गहरा चुकी थी। चाँदनी खिड़की से भीतर गिर रही थी, लेकिन कमरे के माहौल में एक अनकही बेचैनी थी। चित्रा की नींद गहरी थी, चेहरे पर मासूमियत… पर दिव्यम पूरी रात सो नहीं पाया। वह शांत बैठा रहा। न उसने चित्रा का हाथ छुआ, न उसे अपना चेहरा दिखाया, न कोई नई दुल्हन जैसा प्यार का इजहार किया। सुबह होते ही घरवालों ने जब दरवाज़ा खटखटाया, सब मुस्कुराते हुए खुशियों की उम्मीद में अंदर आए। पर दिव्यम की आँखों में जो था… वह किसी ने नहीं देखा था।
पवित्र बहु - 1
एपिसोड – पवित्र बहूरात गहरा चुकी थी। चाँदनी खिड़की से भीतर गिर रही थी, लेकिन कमरे के माहौल में अनकही बेचैनी थी।चित्रा की नींद गहरी थी, चेहरे पर मासूमियत… पर दिव्यम पूरी रात सो नहीं पाया।वह शांत बैठा रहा।न उसने चित्रा का हाथ छुआ,न उसे अपना चेहरा दिखाया,न कोई नई दुल्हन जैसा प्यार का इजहार किया।सुबह होते ही घरवालों ने जब दरवाज़ा खटखटाया, सब मुस्कुराते हुए खुशियों की उम्मीद में अंदर आए।पर दिव्यम की आँखों में जो था… वह किसी ने नहीं देखा था।--- आखिर दिव्यम ने चित्रा को छुआ क्यों नहीं? क्योंकि दिव् ...Read More
पवित्र बहु - 2
⭐ ▲ चित्रा की पहली शादी — दर्द, अपमान और टूटनचित्रा की शादी को दो महीने भी नहीं हुए ससुराल वालों का असली चेहरा उसी दिन दिखाई दे गया।पति मानवीर एक ऐसा आदमी थाजो अपना घर बसाने की जगहबाहर औरतों में दिल लगाता था।वह दिन-रातकिसी न किसी रखैल के साथ रहता—और दोष किस पर डालता?चित्रा पर।गंदी बातें, गंदे इल्ज़ाम,और हर रोज़ नए ताने…फिर भी चित्रा चुप रही—“शायद मेरा पति सुधर जाए।”“शायद मेरा घर बच जाए।”1 महीने, 6 महीने,पूरा 1 साल…चित्रा ने अपनी शादी को खींच लिया, सिर्फ एक उम्मीद पर।लेकिन एक दिन—उम्मीद की मौत हो गई।---⭐ ▲ वह दिन ...Read More