अम्बरपुर शहर में समय जैसे सुस्ताने के लिए ठहर जाता था। यहाँ की सड़कें टेढ़ी-मेढ़ी थीं और हवा में हमेशा देवदार के पेड़ों की ताज़गी और गीली मिट्टी की सोंधी महक बसी रहती थी। इसी शहर के एक पुराने कोने में 'द लास्ट पेज' (The Last Page) नाम की एक बुकशॉप थी। यह कोई आधुनिक स्टोर नहीं था जहाँ चमकदार लाइटें और प्लास्टिक की कुर्सियाँ हों; यहाँ सिर्फ लकड़ी की पुरानी अलमारियाँ थीं, जिन पर धूल की एक पतली परत जमी रहती थी—जैसे बीता हुआ वक्त सो रहा हो।
खामोशी की धुन - 1
अध्याय १: धूल, पुरानी किताबें और एक अजनबी आवाज़अम्बरपुर शहर में समय जैसे सुस्ताने के लिए ठहर जाता था। की सड़कें टेढ़ी-मेढ़ी थीं और हवा में हमेशा देवदार के पेड़ों की ताज़गी और गीली मिट्टी की सोंधी महक बसी रहती थी। इसी शहर के एक पुराने कोने में 'द लास्ट पेज' (The Last Page) नाम की एक बुकशॉप थी। यह कोई आधुनिक स्टोर नहीं था जहाँ चमकदार लाइटें और प्लास्टिक की कुर्सियाँ हों; यहाँ सिर्फ लकड़ी की पुरानी अलमारियाँ थीं, जिन पर धूल की एक पतली परत जमी रहती थी—जैसे बीता हुआ वक्त सो रहा हो।रिया के लिए यह ...Read More