राक्षवन - 2 Mani Kala द्वारा Anything में हिंदी पीडीएफ

RAKASHVAN by Mani Kala in Hindi Novels
अजय रात के ग्यारह बजे अपनी मेज पर बैठा पढाई कर रहे था बाहर पूरी गली में सनाटा पसरा हुआ था तभी उसे खिड़की के पास से हल्की-सी फुसफुसाहाट सुनाई दी अजय अज...