Half Blood -The Hidden Truth - Part 2 in Hindi Horror Stories by Vijay Sanga books and stories PDF | Half Blood -The Hidden Truth - Part 2

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Half Blood -The Hidden Truth - Part 2

विवरण
ये कहानी एक ऐसे लड़के की है जिसे अपने स्वयं के अस्तित्व के बारे में कुछ भी नहीं पता होता।
जब वह यह जानता है कि वह मानव भेड़िया है, उसका संसार तब बदल जाता है।
यह कहानी प्रेम, आत्मविश्वास, और रहस्यों के घेरे में लड़ रहे एक युवा की जंग है।
जब उसे अपनी वास्तविक पहचान का सामना करना पड़ता है, तो उसे अपनी अंतर्निहित शक्तियों को खोजना होगा और अपने सच्चे रूप को प्रकट करने के लिए संघर्ष करना होगा।
क्या वह अपनी प्रेम कहानी में सफलता प्राप्त कर पाएगा ? या क्या उसका रहस्यमयी अस्तित्व उसमें बाधा डालेगा ? इस कहानी में उत्कटता, प्रेम, और रहस्य के बीच आपको एक अद्वितीय सफर पर ले जाया जाएगा।

कहानी की शुरुवात होती है एक घनी अंधेरी रात में, जहाँ एक आदमी बड़ी तेजी से जंगल के अंदर चला जा रहा था, किसी चीज से घबराया हुआ था,
उसके चेहरे पर घबराहट थी, उसके कदम तेजी से आगे बढ़ने लगे की अचानक कहीं से कोई जानवर आया और उसपर झपट पड़ा, और उसे खींचकर अपने साथ ले गया ।
देखते ही देखते वो घने अंदर जंगल में गायब हो गया।
अगली सुबह - कुछ लोग जो पास ही के गांव में रहते थे वे लकड़ी जमा करने के लिए जंगल में आएं, लकड़ी जमा करते-करते एक लड़की को थोड़ी दूर झाड़ियों में कुछ दिखाई दिया, जब उसने पास जाकर देखा तो किसी इंसान के कटे हुए पैर झाड़ियों में पड़े हुए थे।
उसने जैसे ही कटे हुए पैर देखे, वो चीख पड़ी, जैसे ही दूसरो ने उसकी चीख सुनी तो तो भागते हुए सब लोग लड़की के पास पहुंचे ।
सब पूछने लगे - सुहानी.. बेटा क्या हुआ ?
सुहानी घबराते हुए - चाचा वो देखो झाड़ियों में किसी इंसान के पैर पड़े हुए हैं।
जब दूसरो ने ये देखा तो वो सब भी घबरा गए , उन्होंने पुलिस को फोन लगा दिया।
कुछ ही देर में वहां पुलिस आ गई, साथ में फॉरेस्ट गार्ड ( Forest Guard ) भी वहां आ गए।
पुलिस ने फॉरेस्ट गार्ड्स के साथ मिलकर बाकी बॉडी ( Body ) को ढूंढने के लिए जंगल में फैल गए, कुछ ही देर की तलाश के बाद बाकी बॉडी भी पुलिस को मिल गई।
लेकिन जब पुलिस ने बॉडी देखी तो सब बॉडी की हालत देखकर हैरान थे, ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने बॉडी को नोच नोच कर फाड़ दिया हो।
पर फॉरेस्ट गार्ड्स के अनुसार उस जंगल में किसी ऐसे खतरनाक नरभक्षी जानवर की उनके पास कोई खबर नहीं थी।
उनके हिसाब से तो जंगल में ऐसा कोई आदमखोर जानवर है ही नही।
पुलिस ने लाश को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया।
जब फोरेंसिक जांच की रिपोर्ट आई तो उसमे लिखा था की लाश में किसी का सलाइवा मिला है, जिसकी जांच से पता चला कि वो सलाइवा किसी इंसान और जानवर के अलग अलग दो DNA मिले हैं।
पुलिस इस उलझन में थी की जानवर का DNA तो समझ आता है, पर किसी इंसान का DNA ! ये कैसे मुमकिन है ?
पुलिस ने लोगो को जंगल की तरफ जाने से सावधान किया और जंगल की तरफ कोई ना जाए इस बात का ध्यान रखते हुए फेंसिंग लगा दी।
कुछ समय तक तो कुछ नहीं हुआ, कोई हादसा नहीं हुआ, पुलिस की छान बीन के बाद भी कुछ पता नहीं चल पाया।
पुलिस ने केस को बंद कर दिया, और कुछ समय बाद जंगल की फेंसिंग भी हटा दी गई।
लोगों का फिर से जंगल मैं आना जाना शुरू हो गया, कुछ समय तक कुछ नहीं हुआ ।