Grandmother told the ghost story. in Hindi Motivational Stories by Roshan baiplawat books and stories PDF | भूतों की कहानी दादी ने सुनाई।

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भूतों की कहानी दादी ने सुनाई।

यह राजस्थान के एक गांव की कहानी है जहां सालों पहले एक बड के पेड़ के नीचे किन्हीं दो लोगों ने आत्म हत्या कर ली थी
और वह आत्महत्या करने वाला एक लड़का और एक लड़की थी वह दोनों एक दूसरे से प्यार करते थे लेकिन समाज को यह बात पसंद नहीं थी अभी तक हमारी कहानी में अंजली और रोशन का ही नाम आया है।
तो हम इस कहानी में भी लड़के का नाम रोशन और लडकी का नाम अंजली देगे।
यह दोनों एक दूसरे से प्यार करते थे लेकिन एक दिन उन दोनों के बारे में सब गांव वालों को पता चल गया जिस से गांव में उनकी बेइज्जती हो रही थी लेकिन वह दोनों एक दूसरे का साथ छोड़ने को तैयार नहीं थे घर परिवार गांव से परेशान होकर एक दिन रात 12:30 पर उन दोनों ने बड के पेड़ के नीचे फांसी लगा ली और तब से उसे पेड़ के नीचे कोई भी जाता तो वह बेहोश हो जाता था।
और अगर रात को 12:30 पर कोई जाता तो उसकी लाश का भी पता नहीं चलता था गांव वालों ने वहां कहीं यग कराये लेकिन उन दोनों की आत्मा मिलकर बहुत शक्तिशाली बन जाती थी। कई बाहर तो पंडित की भी वहां पर मौत हो जाती थी जिससे उसे पेड़ के नीचे कोई भी नहीं जाता था
लेकिन उनकी आत्मा ने उन गांव वालों को कुछ नहीं किया था दोनों में गुस्सा तो बहुत था गांव वाले के प्रति लेकिन उनकी आत्मा उस पेड़ से बंधी हुई थी जिससे वह पेड़ के पास ही रहती थी।
लेकिन एक दिन एक तांत्रिक आया रात को इसी टाइम पर जो उनकी आत्मा को काबू में करने आया था लेकिन तांत्रिक को उनकी शक्तियों के बारे में अंदाजा नहीं था।
उस तान्त्रिक ने कई मंत्र बोले लेकिन उन दोनों की आत्मा ने उस तान्त्रिक को ही मार दिया और उस तांत्रिक की वजह से उनकी आत्मा भी बड के पेड़ से रिहा हो गई जिससे वह कहीं भी आ जा सकते थे।
सुबह हुई तो पता चला गांव वालों को तांत्रिक की लाश पड़ी थी जो बुरी तरह से सड रही थी।
और यहां से खेल शुरू होता है गांव की तबाही का। गांव के लोग रोज की तरह सो जाते हैं और रात के उस टाइम (12:30) पर गांव के हर घर में से कोई ना कोई जानवर मर जाता है।
और उस रात से गांव में हर रोज कुछ ना कुछ घटना होती रही कभी किसी का बच्चा गायब तो कभी किसी के पैसे गांव वालों ने मिलकर उनकी आत्मा से पीछा छुड़वाने की बात की तो उन सब ने मिलकर गांव में एक अघोरी को बुलाया। अघोरी को उनकी शक्तियों का आभास हो गया था।और उनसे कहा कि इन दोनों की आत्मा को उनके घर वाले ही मना सकते हैं जिसके घर में कोई भी घटना नहीं हुई थी। लेकिन उनके घर वाले भी परेशान थे सभी गांव वाले उनसे कहते थे कि मार कर भी तुम्हारे बच्चे शांत नहीं बैठेंगे लेकिन उस दिन से गांव के कहीं लोगों की मृत्यु होना शुरू हो जाती है और उस दिन से गांव वाले उनके परिवार की तरफ देखते भी नहीं थे। लेकिन उनकी आत्मा शांत होने का नाम ही नहीं ले रही थी फिर एक दिन सभी गांव वालो ने मिलकर उनके परिवार वालों को मना ही लिया।
और फिर एक रात उस अघोरी को बुलाया अघोरी और उन दोनों के माता-पिता मिलकर उस पेड़ के नीचे पहुंच गए।
जहां उन दोनों की आत्मा थी और उनको दिखाई दे रही थी दोनों के घर वाले उन दोनों से मिलकर बहुत रोते हैं और उनसे बोलते हैं कि तुम्हारी आत्मा को मोक्ष मिलना अति आवश्यक है वरना तुम्हारा पुनर्जन्म नहीं होगा । और वहां पर उनकी आत्मा को अघोरी ने मोक्ष दिला दिया।
लेकिन इन गांव वालों का कहना था कि उनकी आत्मा आज भी वहां रहती है आज भी लोग उस पेड़ के नीचे नहीं जाते वहां पर आज भी अजीब अजीब हरकतें होती रहती है।
चलो दोस्तों इस कहानी को देते हैं यहीं पर वीराम और मिलते हैं अगली कहानी में 👍👍🙏🙏