Samraat - Apne Sach se Anjaan - 5 in Hindi Anything by Khushwant Singh books and stories PDF | सम्राट- अपने सच से अनजान - 5

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सम्राट- अपने सच से अनजान - 5

 पिछली कहानी में हमने पढा़ था कि यूनिवर्सिटी के कैन्टिन के बाहर आयांशी और सम्राट की टक्कर हो जाती हैं। आयांशी टक्कर हो जाने की वज़ह से सम्राट को गुस्से में बहुत कुछ सुना देती है। आखिरी में सम्राट के चेहरे पर आयांशी को देखकर एक स्माईल आ जाती हैं। 

अब आगे...........     

               आयांशी को हँसता देख सम्राट के चेहरे पर एक स्माईल आ जाती हैं। सम्राट को ऐसे स्माईल करता देख प्रीत, विजय और वियांशी शौक्ड़ हो जाते हैं क्योंकि आज तक सम्राट ने किसी भी लड़की की तरफ नहीं देखा था। आयांशी ऐसी पहली लड़की थी जिसकी तरफ सम्राट ने देखा था। तभी सम्राट के फोन पर उनके डै़ड़ का कॉल आता है और वो उनका कॉल रिसीव करते हुए वहाँ से चले जाते हैं। सम्राट के पीछे विजय, प्रीत और वियांशी भी चल देते हैं। कुछ समय बाद राजपुत विला के गेट से चार गाडि़याँ अन्दर आकर रुक जाती हैं। और उन गाडि़यों में से सम्राट, प्रीत, विजय और वियांशी उतरकर विला के अन्दर चले जाते हैं। वहीं नैना जी हॉल में रखे सोफे पर बैठी हुई उनका इंतजा़र कर रही थी। उन चारों को आता देख वो खडी़ होकर उनकी तरफ चल देती हैं। नैना जी- तुम चारों का काम ठीक से पूरा हो गया ना?? तभी प्रीत- हाँ माँ, हमारा काम बहुत अच्छे से हो गया हैं। तभी नैना जी सम्राट से- सम्राट, तुम्हारी बिजनस मीटिंग कैसी रही?? नैना जी के ये सवाल करने पर सम्राट कोई जवाब नहीं देता और अपने कमरे में चला जाता हैं। नैना जी प्रीत से इस बारे में पूछती है तो प्रीत यूनिवर्सिटी में हुए हर इंसिडेंट के बारे में उन्हें बताती हैं। यह सुनकर नैना जी थोडी़ हँस देती हैं। नैना जी- चलो अब अपनी बातें बंद करो और पहले तुम सब खाना खालो। वही दूसरी तरफ सम्राट अपने कमरे में गुस्से से किसी से फोन पर बात कर रहा होता हैं- मुझे उस लड़की का पूरा बायोडे़टा एक घण्टे के अन्दर-अन्दर चाहिए वरना इसका अंजाम तुम जानते हो। यह कहकर वो फोन कट कर देता है और उसके चेहरे पर एक डे़विल स्माईल आ जाती हैं। कुछ दिन बाद प्रीत, विजय, वियांशी और सम्राट जब नाश्ता कर रहे थे कि तभी प्रीत के फोन पर किसी का कॉल आने लगता हैं। वो कॉल रिसीव करके फोन स्पीकर पर रखती है और कुछ बोलने ही वाली होती है कि तभी सामने से एक लड़की बोलती है- हैलो प्रीत, मैं आयांशी बोल रही हूँ। आयांशी का नाम सुनते ही सम्राट की नज़रे प्रीत के फोन की तरफ चली जाती हैं। ये देख प्रीत फोन को स्पीकर से हटाकर अपने कान से लगा देती है और बोलती है- हाँ आयांशी, बोलो क्या हुआ?? तभी आयांशी प्रीत को बताती है कि वो अभी बैंगलोर आई हुई है। अगर वो(प्रीत) फ्री हो तो क्या वो लोग मिल सकते है?? प्रीत कुछ सोचकर आयांशी को बोलती है- आयांशी अगर तुम बुरा न मानो तो मेरे घर आ जाओ। यहाँ मेरी फैमिली से भी मिल लेना। ये सुनकर आयांशी हाँ बोल देती है और बोलती है कि वो एक घण्टे के बाद प्रीत के घर आ जाएगी और कॉल कट कर देती हैं। कॉल कट हो जाने के बाद प्रीत सबको बताती है कि आयांशी उनसे मिलने उनके विला आ रही है। यह सुनकर सम्राट कुछ सोचने लगता है और एक डे़विल स्माईल के साथ वहाँ से चला जाता हैं। सम्राट को ऐसे जाता देख नैनाजी, प्रीत, विजय और वियांशी शोक्ड़ हो जाते हैं। 


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