इतिहास के पन्नों से
Part 1
माना जाता है कि दुनिया का लगभग 97 % इतिहास समय के साथ लुप्त होते गया है . इतिहास का लिखित विवरण करीब 6000 वर्ष पूर्व आरंभ हुआ था . इतिहास तो अनंत है फिर भी उसके पन्नों में कुछ छोटी मोटी अविस्मरणीय बातें भी छुपी हैं , एक नजर ऐसी कुछ बातों पर -
1 . विश्व की सफलतम समुद्री लेडी डाकू - दुनिया में सर्वाधिक सफल समुद्री डाकू या लुटेरों में सबसे ऊपर चिंग शी का नाम आता है . वास्तव में शुरू में वह चीन की एक वेश्या थी . चीन के रेड फ्लैग बेड़े के एक कमांडर ने उसे खरीद कर उस से शादी करली थी . चिंग के पति ने उसे अपनी बराबरी का दर्जा दिया और उसे भी एक समुद्री डाकू के फ्लीट ( बेड़े ) का कमांडर बना दिया . कहा जाता है कि चिंग शी के पास 1500 जहाजों और लगभग 80,000 नाविक थे .
2 . केचप एक दवा थी -आज हम जिस केचप को समोसे आदि स्नैक्स के साथ खाते हैं 1830 s में उसे कभी एक दवा की तरह उपयोग किया जाता था . अमेरिका के ओहियो प्रांत के डॉ जॉन कुक केचप को पेट की गड़बड़ी ( upset stomach या अनपच ) में दवा की तरह इस्तेमाल करने की सलह देते थे . केचप का इस्तेमाल एक लोकप्रिय कंडीमेंट ( condiment , स्वादिष्ट मसाला ) की तरह 19 वीं सदी के अंत में होने लगा था .
3 . ओलंपिक में नग्न प्रदर्शन - ओलंपिक गेम का आरम्भ ईसा पूर्व 776 BC में ग्रीस के ओलम्पिया में हुआ था . कहा जाता है कि 720 BC में पुरुष खिलाडियों को निर्वस्त्र भाग लेना पड़ता था . यहाँ तक कि पुरुष दर्शकों को भी निर्वस्त्र ही आने को कहा जाता था . उनका मानना था कि इस से ग्रीक पुरुषों की शारीरिक शक्ति और नेचुरल सुंदरता का प्रदर्शन होता था . इसके अतिरिक्त यह ग्रीक प्राचीन सभ्यता और भगवान के प्रति सम्मान का प्रतीक था . इसके साथ निर्वस्त्र शरीर से पसीना और विषाक्त पदार्थ आसानी से निकल जाता था .
4 . सबसे छोटा युद्ध , एंग्लो जंजीबार वॉर - विश्व में सबसे कम समय का युद्ध मात्र 38 मिनट का था . इस युद्ध में ब्रिटेन और जंजीबार ( एक अफ़्रीकी देश ) आमने सामने थे . यह युद्ध 27 अगस्त 1896 को हुआ था . जंजीबार के तत्कालीन सुल्तान की मृत्यु के बाद सत्ता की कमान सुलतान खालिद बिन बरगाश ने संभाली थी . यह ब्रिटेन को स्वीकार नहीं था क्योंकि ब्रिटेन को संदेह था कि सुल्तान खालिद जर्मनी के पक्षधर थे . ब्रिटेन किसी अन्य को सत्ता देना चाहता था जो खालिद को मंजूर नहीं था . इसी कारण यह युद्ध हुआ था . ब्रिटेन ने सुल्तान के महल पर बम बरसाए थे . लगभग 38 मिनट में ब्रिटेन की जीत हुई और युद्ध समाप्त हुआ था .
इसके विपरीत इतिहास का सबसे लम्बा युद्ध करीब 781 साल ( 718 - 1492 ) था जिसमें करीब 70 लाख लोगों की मौत हुई थी . . इसे रेकॉंक्विस्टा का धर्मयुद्ध भी कहा जाता है . आइबेरियन पेनिनसुला को मुस्लिम शासन से मुक्त करने के लिए यह युद्ध हुआ था .
इतिहास का दूसरा सबसे लम्बा युद्ध करीब 335 साल तक चला था . यह युद्ध नीदरलैंड और ब्रिटेन के बीच 1651 से 1986 के बीच टापू स्किल्स( Scilly ) के लिए चला था . इस युद्ध में न कोई गोली चली थी न ही किसी की मौत हुई थी .
5 . विख्यात लेडी सीरियल किलर - विश्व में महिअलों में सीरियल किलिंग के लिए हंगरी की कॉउंटेस ( बेग़म , कुलीन स्त्री ) एलिज़ाबेथ बाथोनी डी एक्सेड ( Elizabeth Bathony de Ecsad ) का नाम सबसे ऊपर आता है . 1590 से 1610 के बीच बाथोनी और उसके चार सेवकों / सेविकाओं ने मिलकर सैकड़ों लड़कियों और महिलाओं को प्रताड़ित किया और उनकी हत्या कर दी . कहा जाता है क़ि उसने लगभग 650 से ज्यादा लड़कियों और महिलाओं की हत्या की थी जिसमें ज्यादातर लड़कियां 10 - 14 वर्ष की थीं . उन पर मुकदमा चला और बाथोनी सहित सभी को दोषी पाया गया था . नौकरों को फांसी की सजा हुई थी जबकि एलिज़ाबेथ बाथोनी को महल में कैद कर रखा गया था जहाँ 1614 में उसकी मौत हो गयी थी .
6 .द्वितीय विश्व युद्ध में अमेरिका की धरती पर केवल 6 लोगों की मौत हुई - 1945 में जापान ने द्वितीय विश्व युद्ध में एक बैलून बम छोड़ा था जो अमेरिका के ओरेगॉन प्रांत में गिरा था . इस बम के चलते एक महिला और उसके पांच बच्चों की मौत हो गयी थी . अमेरिका की धरती पर द्वितीय विश्व युद्ध में होने वाली एकमात्र मौत की घटना यही थी .
7 . टाइटैनिक शिप के डूबने के बहुत पहले ही एक उपन्यास छप चुका था - दुनिया में हुई सबसे भयंकर जहाज की दुर्घटनाओं में ‘ टाइटैनिक ‘ का नाम आता है . टाइटैनिक अपनी पहली समुद्र यात्रा में अटलांटिक महासागर में 1912 में डूब गया था जबकि इससे 14 वर्ष पहले 1898 में इस दुर्घटना से हूबहू मिलता एक उपन्यास “ फ्युटीलिटी - Futility ) प्रकाशित हो चुका था . मॉर्गन रॉबर्टसन फ्युटीलिटी के उपन्यासकार थे . उसका उपन्यास भी एक विशाल न डूबने वाले जहाज ‘ टाइटन ‘ पर आधारित था . उनका टाइटन जहाज भी उत्तरी अटलांटिक महासागर में बर्फ की चट्टान से टकरा कर डूब गया था और उस जहाज में भी पर्याप्त मात्रा में लाइफ बोट नहीं थे . संयोग से ये सारी घटनाएं 1912 की ‘ टाइटैनिक ‘ ट्रेजेडी से मिलती जुलती थीं . टाइटैनिक के डूबने के बाद मॉर्गन ने अपने उपन्यास का नाम ‘ फ्युटीलिटी ‘ से बदल कर ‘ द रेक ऑफ़ द टाइटन ‘ के नाम से नया संस्करण प्रकाशित कराया था . मॉर्गन स्वयं जहाज पर ‘ फर्स्ट मेट ‘ ( first officer - second in command कप्तान के बाद का पद ) रह चुका था .सम्भवतः उसे इस तरह की दुर्घटना का पूर्वाभास या पूर्वानुमान रहा होगा .
8 . बौद्ध भिक्षुओं का सोकूशिन्बूस्तु या ममीफिकेशन ( Sokushinbutsu ) - मिस्र में ईसा पूर्व लगभग 2600 वर्ष में ‘ ममीफिकेशन ‘ की प्रथा थी . तब तत्कालीन राजाओं और गुरुओं का ममीफिकेशन किया जाता था . इस क्रिया में मृत शरीर पर केमिकल के लेप लगा कर शव को लम्बे समय तक सुरक्षित रखा जाता था . बहुत दिनों तक विज्ञान के लिए यह रहस्य बना रहा था पर इस रहस्य का पता लग गया है .
11 वीं और 19 वीं सदी के दौरान अनेक बौद्ध भिक्षुकों ने भी स्वयं का ममीफिकेशन किया था . उनकी इस क्रिया को Sokushinbutsu कहा जाता था . यह एक बहुत कठिन साधना थी जिसमें लगभग 6 साल तक कठिन तपस्या करनी पड़ती थी . इस प्रक्रिया में वे धीरे धीरे अन्न जल ग्रहण करना कम करते जाते थे और अंत के लगभग एक हजार दिनों तक अपने को भूखा रख कर मृत्यु को प्राप्त करते थे . इस विधि से बौद्ध तप , ध्यान त्याग और ज्ञान प्राप्त करते थे . जापान और मंगोलिया में बौद्ध भिक्षुकों में विशेषकर Sokushinbutsu प्रथा थी जिसे soh -koo -shin -boo - tsoo कहते थे . इसका अर्थ होता था “ स्वयं के शरीर में बुद्ध का होना “ होता है . इस सेल्फ ममीफिकेशन क्रिया में अरुशी ( Urushi tea ) और आर्सेनिक वाटर का भी प्रयोग होता था
क्रमशः .